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मां शारिका की पूजा के बाद पवित्र छड़ी दशनामी अखाड़ा लौटी

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 04:42 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 02:23 AM (IST)
मां शारिका की पूजा के बाद पवित्र छड़ी दशनामी अखाड़ा लौटी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए रविवार की सुबह जिस समय 2663 श्रद्धालु अलग-अलग जत्थों में बालटाल और नुनवन से रवाना हो रहे थे। उसी समय पवित्र छड़ी मुबारक श्रावणी शुक्ल पक्ष प्रतिपदा की पावन सुबह श्रीनगर की अधीष्ठ देवी मां शारिका की पूजा-अर्चना के लिए हरि पर्वत के लिए रवाना हुई।

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इस बीच, पवित्र गुफा में सुबह से शाम तक 4446 श्रद्धालुओं के हिमलिंग के दर्शन करने के साथ ही इस साल श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान पवित्र गुफा में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 341349 का आंकड़ा पार कर गई।

रविवार सुबह भगवान अमरेश्वर की पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक व दशनामी अखाड़ा के महंत दिपेंद्र गिरी की अगुआई में छड़ी मुबारक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मां शारिका की पूजा के लिए हरि पर्वत के लिए रवाना हुई। छड़ी मुबारक के साथ बड़ी संख्या में साधु, महात्मा और श्रद्धालु भी थे।

सुबह साढे़ छह बजे छड़ी मुबारक हरि पर्वत स्थित मां शारिका के मंदिर में हर-हर महादेव और जय मां भवानी के जयघोष के साथ प्रवेश किया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मां शारिका की पूजा और सनातन अनुष्ठानों के संपन्न होने के बाद छड़ी मुबारक वापस दशनामी अखाड़ा लौट आई।

महंत दिपेंद्र गिरी ने बताया कि बाबा बर्फानी गुफा के लिए रवाना होने से पूर्व सनातन और पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक श्रावणी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को छड़ी मुबारक द्वारा श्रीनगर की अधीष्ठ देवी मां शारिका की पूजा का विधान है। उन्होंने बताया कि यहां पूजा के बाद छड़ी मुबारक अपने विश्राम स्थल दशनामी अखाड़ा लौट जाएगी। अब 30 जुलाई बुधवार को तृतीया के दिन दशनामी अखाड़ा में ही भगवान अमरेश्वर के मंदिर में छड़ी स्थापना और ध्वजारोहण होगा। पहली अगस्त शुक्रवार की शाम चार बजे दशनामी अखाड़ा में पवित्र छड़ी पूजन होगा। उसके बाद पांच अगस्त तक पवित्र छड़ी मुबारक का श्रद्धालु दशनामी अखाड़ा में दर्शन कर सकेंगे। छह अगस्त की सुबह दशमी के दिन पवित्र छड़ी मुबारक पहलगाम के लिए प्रस्थान करेगी, लेकिन पहलगाम पहुंचने से पहले दुर्गानाग, सूर्येश्वर, पांपोर, बीजबेहाड़ा, मट्टन सूर्य मंदिर में पवित्र छड़ी सनातन परंपराओं का निर्वाह करते हुए पूजा-अर्चना के लिए रुकेगी। शाम को पहलगाम पहुंचने के बाद रात्रि विश्राम होगा।

सात अगस्त शनिवार को एकादशी के दिन पूजा-अर्चना के बाद पवित्र छड़ी मुबारक चंदनबाड़ी के लिए प्रस्थान करेगी और वहीं रात्रि विश्राम करेगी। आठ अगस्त को चंदनबाड़ी से पवित्र छड़ी मुबारक शेषनाग के लिए प्रस्थान करेगी। रात को शेषनाग में विश्राम और नौ अगस्त की सुबह झील में स्नान व भगवान शिव की आराधना के बाद पवित्र छड़ी पंचतरनी पहुंचेगी। रात को वहीं पर विश्राम के बाद अगली सुबह 10 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा के दिन पवित्र छड़ी मुबारक भगवान शंकर की पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी। इसके साथ ही भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा 2014 का मुख्य दर्शन संपन्न होगा। उसी दिन पवित्र छड़ी मुबारक वापस पंचतरनी आएगी। इसके बाद 11 अगस्त को प्रतिपदा के दिन पवित्र छड़ी मुबारक पंचतरनी से पहलगाम पहुंचेगी और रात्रि विश्राम करेगी।

इस बीच, बालटाल से आज सुबह मात्र 991 श्रद्धालुओं का जत्था पवित्र गुफा के लिए रवाना हुआ। यह मौजूदा तीर्थयात्रा के दौरान बालटाल से पवित्र गुफा के लिए रवाना होने वाला अब तक का सबसे छोटा जत्था है। इसी दौरान पहलगाम से 1672 श्रद्धालु पवित्र गुफा के लिए रवाना हुए।


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