हजारों की आबादी को स्वच्छ पेयजल मुहैया नही
रामकोट : भले ही पीएचई विभाग तहसील की सभी पंचायतों में पानी आपूर्ति की स्कीमें चल रही हैं, लेकिन अभी
रामकोट : भले ही पीएचई विभाग तहसील की सभी पंचायतों में पानी आपूर्ति की स्कीमें चल रही हैं, लेकिन अभी भी हजारों की आबादी को स्वच्छ पेयजल मुहैया नहीं है, क्योंकि हर पंचायत के कई मुहल्लों में पानी की कोई स्कीम नहीं है। कस्बा रामकोट में 1980 के दशक में स्थापित फिल्ट्रेशन प्लांट जोकि बसंतर नाले से पानी उठा कर कस्बे में पानी की आपूर्ति किया जाता है, जिससे मिलने वाला पानी अक्सर दूषित ही आपूर्ति हो रहा है। वहीं अमुवाला, सर सब्बल, दन्नी गुलगेडा, गलक, तडयाल, मुदाल, चीरका बन आदि क्षेत्रों में लोग आज भी प्राकृतिक जलस्रोत के सहारे ही जीवन-यापन कर रहे है। वहीं इस बारे में पीएचई विभाग के एईई वीरेंद्र सिंह का कहना कि पानी को सप्लाई से पहले फिल्टर किया जाता है। बरसात में बाढ़ की वजह से कभी-कभी पानी साफ नहीं हो सकता। आबादी बढ़ जाने से आपूर्ति में कठिनाई आ रही है।
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बनी में दो माह से ठप है आपूर्ति
बनी सब डिवीजन में पीएचई की अभी कुल 33 गांवों में 10 ही गांव में पेयजल आपूर्ति योजनाएं चल रही हैं। अभी उक्त गांवों के लोग आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। जबकि कस्बे में भी दो माह से कस्बे में पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी है। जगह-जगह ग्रेफ व पीएमजीएसवाई द्वारा जगाए गए निर्माण कार्य से आपूर्ति पाइपें टूटी हैं। जिन्हें अभी जोड़ा नहीं गया है, जिसके चलते पूरा बनी डिवीजन इस समय पीएचई की आपूर्ति से वंचित है।
एईई भूषण कुमार का कहना है कि नई पाइपें फिर से जोड़ने के लिए उच्च अधिकारियों से बात चल रही है। परियोजना पर काफी खर्च आएगा।