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हीरानगर के 70 गांवों में ठप है आपूर्ति

संवाद सहयोगी, हीरानगर : ट्यूबवेलों की मशीनरी की खराबी की वजह से हीरानगर में पेयजल स

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 03:00 AM (IST)
हीरानगर के 70 गांवों में ठप है आपूर्ति
हीरानगर के 70 गांवों में ठप है आपूर्ति

संवाद सहयोगी, हीरानगर : ट्यूबवेलों की मशीनरी की खराबी की वजह से हीरानगर में पेयजल संकट गहराने लगा है। मौजूदा समय में पीएचई सब डिवीजन के अंतर्गत 20 ट्यूबवेल के मोटर पंप अन्य उपकरणों की खराबी के कारण से 70 गांवों में पेयजल अपूर्ति ठप है। इनमें से दस ट्यूबवेलों की मशीनरी दस माह से खराब है। तमयाल गांव के ट्यूबवेलों से 10 जुलाई, साटी ट्यूबवेल से एक जुलाई, रघुनाथ पुरा से 29 जून, नौ चक से छह माह से पेयजल अपूर्ति ठप है। नौ चक, वट्ठल चक, करोल कृष्णा में तीन साल से नए टयूबवेल लगे हैं, उनमें भी अभी तक मशीनरी नहीं लगी, जिससे नौ चक, लच्छी पुर, मंडाला, करोल कृष्णा, करोल माथरिया, करोल विद्दो, होड़, वत्ठल चक, रिफ्यूजी बस्ती और गुगार बस्ती में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही और लोगों को जमीन से कम गहराई में लगे शैलो हैडपंप का दूषित पानी पीना पड़ रहा है। पहले विभाग पेयजल अपूर्ति बंद हो जाने पर टैकरों से पानी की आपूर्ति करता था अब पूरे सब डिवीजन में केवल एक ही टैकर चल रहा है और सिर्फ एक दो गांवों में ही पानी की आपूर्ति हो पाती है।

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क्या कहते हैं लोग

पूर्व सरपंच सुदेश कुमार, खुशी राम, जरनैल सिंह, पुरुषोत्तम लाल, बनारसी दास, रमेश चंद्र का कहना है कि मशीनरी की खराबी की वजह से पिछले कई साल से पेयजल संकट बना हुआ है विभाग को पुरानी मशीनरी बदलनी चाहिए और स्टैड बाई उपकरणों का प्रबंध करना चाहिए तभी समस्या का स्थायी हल हो सकता है। गांवों में डीप हैडपंप भी खराब पड़े हैं अगर उनकी मरम्मत कराई जाए तो भी थोड़ा बहुत समाधान हो सकता है।

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क्या कहते हैं अधिकारी

पीएचई हीरानगर सब डिवीजन की सिविल इकाई के एईई राकेश गुप्ता का कहना है कि ट्यूबवेलों की मशीनरी की वजह से ही पानी की आपूर्ति ज्यादा दिनों तक बंद रहती है। जिन गांवों में नए टयूबवेल लगे है वहां फंड के अभाव में अभी तक आपूर्ति शुरू नहीं की गई है। वहीं मेकेनिकल इकाई के एईई केएस बाली का कहना है कि हीरानगर सब डिवीजन में पीएचई के 133 स्टेशन र्है जिनसे पेयजल आपूर्ति होती है। 70 फीसद ट्यूबवेलों की मशीनरी काफी पुरानी हो चुकी है। अगर मरम्मत कराते भी हैं तो थोड़े दिनों के बाद दोबारा खराब हो जाती है। कुछ स्टेशनों पर ट्रांसफार्मर की खराबी से परेशानी होती है। पहले बिजली विभाग खुद ट्रांसफार्मरों की मरम्मत कराता था अब पीएचई विभाग को करानी पड़ती है। फंड के अभाव के कारण समस्या बनी हुई है। जब तक पुरानी मशीनरी नहीं बदली जाती और टयूबवेल पर स्टैडबाई मशीनरी के प्रबंध नहीं किए जाते समस्या का समाधान मुश्किल है। इसकी रिपोर्ट भी अधिकारियों को भेज दी है। पीएचई हीरानगर सब डिवीजन में 133 ट्यूबवेल हैं।


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