तारबंदी में आई भूमि के मुआवजे पर अड़े किसान
संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमावर्ती किसानों ने सरकार से पहले तारबंदी में आई जमीन का मुआवजा देने व उसके
संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमावर्ती किसानों ने सरकार से पहले तारबंदी में आई जमीन का मुआवजा देने व उसके बाद तारबंदी के साथ-साथ पक्की सड़क बनाने की मांग की है। बुधवार की शाम एसडीएम सोहन लाल तहसीलदार गौरव शर्मा व बीएसएफ के कंपनी कमांडर ने चक चंगा में बैठक कर किसानों को समझाने की कोशिश की।
बैठक में बॉर्डर यूनियन के प्रधान नानक चंद, किसान रमेश चंद्र, गुलशन कुमार, सत पाल विजय कुमार का कहना था कि पहले बीएसएफ ने बॉर्डर ट्रैक लिंक मांर्गो के लिए जमीन ली, जिसका वर्षो से मुआवजा नहीं मिला है। छह माह पूर्व 135 फुट जमीन की मुआवजा राशि आई थी जो पहाड़ पुर चक भेयाला गांवों में बांट कर रोक दी। अब 135 फुट के बजाय 44 फुट जमीन ही लेनी है। किसानों ने कहा कि हम मानते हैं कि सरकार को डिफेंस को मजबूत बनाने के लिए जमीन की जरूरत है, लेकिन पहले प्रभावितों को उसका मुआवजा देना चाहिए। मुआवजे के लिए वो हाईकोर्ट में भी पीआइएल लगा चुके हैं। उच्चाधिकारियों को पहले किसानों के बीच आकर बात करनी चाहिए। वहीं एसडीएम सोहन लाल का कहना है कि पिछले दिनों डीसी कठुआ ने बैठक कर आश्वासन दिया था कि सड़क का काम चलने दें, 20 दन में तारबंदी में आई जमीन का मुआवजा बांटना शुरू कर देंगे। इसके बावजूद भी किसानों ने काम रोक रखा है।
इस संबंध में विधायक कुलदीप राज का कहना है कि विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया था। केंद्रीय गृह मंत्री को भी मसले से अवगत करवाऊंगा।