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मां की मौत के बाद विनोद ने आमरण अनशन खत्म किया

संवाद सहयोगी, कठुआ : अपने हकों को लेकर जम्मू में आमरण अनशन पर बैठे अनुबंधित लेक्चरर विनोद कुमार की म

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 01:00 AM (IST)
मां की मौत के बाद विनोद ने आमरण अनशन खत्म किया
मां की मौत के बाद विनोद ने आमरण अनशन खत्म किया

संवाद सहयोगी, कठुआ : अपने हकों को लेकर जम्मू में आमरण अनशन पर बैठे अनुबंधित लेक्चरर विनोद कुमार की मां की सदमे से हुई मौत के बाद मंगलवार को कठुआ के स्थानीय श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार में काफी संख्या में स्थानीय लोगों के अलावा विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने भाग लेकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की।

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बेटे के आमरण अनशन पर जाने से चिंतित मां शकुंतला देवी पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन के कारण बीमार हो गई थीं। सोमवार को ह्रदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई थी। मां की मौत की खबर से सन्न विनोद कुमार ने सोमवार को ही अपने अनशन को फिलहाल बंद कर दिया और सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पिछले 35 दिनों से वह आमरण अनशन पर थे। उनकी मां की तबीयत भी उनकी चिंता के कारण बिगड़ रही थी। गत दिवस उनकी मां ने अंतिम सांस ले ली। उन्होंने सरकार को कोसते हुए कहा कि पिछले एक माह से अनुबंधित लेक्चरर संघर्ष कर रहे हैं। सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनकी सुध लेने के लिए नहीं आया। सरकार या तो वर्ष 2003 या फिर वर्ष 2010 के अपने आदेशों के तहत उन्हें नियमित करे। पहले आदेश में तीन वर्ष के बाद और दूसरे आदेश में सात वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले अनुबंधित लेक्चरर को नियमित करने का प्रावधान है।

वहीं, विनोद कुमार की मां के अंतिम संस्कार में पहुंचे पीपुल्स एक्शन कम वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान कैप्टन ज्ञान सिंह पठानिया, जाट राम आदि ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आंदोलन कर अपना हक लेने का प्रयास कर रहे विनोद कुमार की मां ने अपने बेटे की चिंता को लेकर दम तोड़ दिया। इसका जिम्मेदार आखिर कौन है? सरकार एक माह से अनुबंधित लेक्चररों की कोई सुध नहीं ले रही है। पढ़े-लिखे नौजवान पिछले कई वर्षो से शिक्षा विभाग में सेवाएं देने के बाद नियमित करने की अगर मांग कर रहे हैं तो उसमें गलत क्या है? सरकार को चाहिए कि उनकी मांगों पर गौर करे, नहीं तो सोसाइटी भी सरकार की गलत नीतियों के विरोध में धरना देने को मजबूर हो जाएगी। शकुंतला देवी के अंतिम संस्कार में पीडीपी जिला प्रधान सुरेंद्र सिंह, राकेश बबली, भाजपा नेता प्रो. साई दास, गोपाल महाजन के अलावा विभिन्न संगठनों से जुड़े सदस्यों ने भाग लिया। बता दें कि विनोद कुमार के पिता रामकृष्ण पीपुल्स एक्शन कम वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव हैं। शकुंतला देवी अपने पीछे पति और तीन बेटों को छोड़ गई हैं।


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