जुथाना पुल निर्माण पर चढ़ा राजनीतिक रंग
जागरण संवाददाता, कठुआ : जुथाना पुल का निर्माण कार्य एक बार फिर टलता दिख रहा है। ऐसा तीसरी बार हुआ है
जागरण संवाददाता, कठुआ : जुथाना पुल का निर्माण कार्य एक बार फिर टलता दिख रहा है। ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब बहुचर्चित उज्ज दरिया पर बनने वाले जुथाना पुल का निर्माण कार्य शुरू करने का कार्यक्रम टला है। इससे पहले भी दो बार राजनीतिक कारणों से पुल निर्माण कार्य टल चुका है। हालांकि सोमवार को सुबह जिला प्रशासन ने पुल निर्माण कार्य शुरू करने के लिए तैयारियों पर चर्चा की, जिसमें 18 जनवरी को पुल निर्माण कार्य का नींव पत्थर रखने के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के पहुंचने से संबंधित प्रबंधों पर चर्चा हुई।
वहीं, विश्वस्त सूत्रों के अनुसार नींव पत्थर रखने का कार्यक्रम एक बार राजनीतिक कारणों के चलते टलता दिख रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की ज्यादा व्यस्तता का कारण बताया जा रहा है, लेकिन अंदर की बात है कि कार्यक्रम टलने के पीछे एक बार फिर नींव पत्थर प्लेट पर लिखे नामों को लेकर दोनों दलों और मंत्रियों एवं विधायकों में मतभेद है। इससे पहले भी 45 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल का निर्माण कार्य दो बार टल चुका है, जिसमें राजनीतिक कारण ही रहे हैं और नेम प्लेट पर लिखने वाले नामों को लेकर ही विवाद था। अब फिर एक बार ऐसा ही लग रहा है। हालांकि पार्टी का कोई भी नेता पूछने पर इसे कंफर्म करने को तैयार नहीं है। जबकि पुल का निर्माण कार्य टेंडर होने के बाद शुरू है, जहां पर निर्माण कंपनी ने अपना अस्थायी ढांचा भी तैयार कर लिया है, सिर्फ उद्घाटन के इंतजार में बैठे हैं।
बता दें कि जुथानावासी इस पुल के निर्माण का इंतजार विगत चार दशकों से कर रहे हैं और अब जब भाग्य खोलने के दिन आ गए हैं तो भी राजनीतिक लोग उनके साथ राजनीति कर रहे हैं। जुथाना के लोगों के लिए उज्ज दरिया पर पुल न होने से जिंदगी एक अभिशाप बनी हुई है। दरिया में बरसात के कारण पानी आने पर उनका संपर्क पूरे जिला, तहसील मुख्यालय से कटकर सिर्फ अपने ही गांव से रह जाता है। पुल के अभाव में कई जानें भी उज्ज दरिया के बहाव में जा चुकी हैं, जिसके चलते अब बनने वाला पुल लोगों के लिए एक नया युग लेकर आएगा।