आज काम छोड़ो हड़ताल पर रहेंगे पीडीडी कर्मी
संवाद सहयोगी, कठुआ : कीडि़यां क्षेत्र में लाइनमैन की करंट लगने से हुई मौत मामले पर पुलिस की कार्रवाई
संवाद सहयोगी, कठुआ : कीडि़यां क्षेत्र में लाइनमैन की करंट लगने से हुई मौत मामले पर पुलिस की कार्रवाई पर प्रांतीय पावर इंप्लाइज यूनियन ने रोष जताया है और सोमवार को हटली मोड़ में आयोजित बैठक के दौरान मृतक लाइनमैन देस राज को श्रद्धांजलि देते हुए मामले की उचित जांच की मांग की है।
यूनियन के प्रांतीय उपप्रधान सुपेंद्र सिंह ने कहा कि लाइनमैन की मौत से उन्हें भी दुख है, लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली के कारण पीडीडी अधिकारियों से लेकर कर्मियों को तंग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मामला विभाग के विरुद्ध दर्ज किया गया है न कि किसी एक के विरुद्ध। ऐसे में पुलिस अवैध तरीके से कर्मियों को भी हिरासत में रखकर परेशान कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि करंट लगने के बाद अगर समय रहते देस राज को नीचे उतार उपचार दिया जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी, परंतु वहां मौजूद कुछ नेताओं ने देस राज को नीचे नहीं उतारने दिया। यही कारण रहा कि उसका शव छह घंटे तक खंभे पर ही हवा में लटकता रहा। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं पर भी मानवाधिकार हनन के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। यूनियन ने कहा कि पुलिस इस मामले में जानबूझकर अधिकारियों और कर्मियों को प्रताड़ित कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जबकि इसके विरोध में 17 जनवरी को कर्मी काम छोड़ो हड़ताल पर रहेंगे। ऐसे में अगर पुलिस फिर भी अपनी कार्यप्रणाली को सही नहीं करती और इस मामले को लेकर वहां राजनीति करने वाले नेताओं पर मानवाधिकार हनन के तहत मामला दर्ज नहीं करती तो उनकी यह हड़ताल और भी बढ़ जाएगी।
वहीं, इस संबंध में लखनपुर पुलिस के थाना प्रभारी कुलबीर चौधरी ने कहा कि लापरवाही के कारण एक लाइनमैन की जान गई है। ऐसे में पुलिस सही दिशा में कार्रवाई कर रही है। मामले की जांच को लेकर कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। आरोपियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
------------
हड़ताल से अपनी जान बचाने का प्रयास कर रहा विभाग ?
कठुआ : कीड़ियां क्षेत्र में करंट की चपेट में आए लाइनमैन की मौत मामले में बिजली विभाग की लापरवाही भी साफ देखने को मिली थी। फाल्ट को ठीक करने के लिए लाइन को बंद करवाकर खंभे पर चढ़े लाइनमैन को आखिर किन परिस्थितियों में करंट लगा, यह तो जांच का विषय है। हालांकि हादसे के दौरान स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी तुरंत बिजली विभाग के कार्यकारी अभियंता संदीप सेठ को दी थी, पर अधिकारी औद्योगिक क्षेत्र में किसी निजी दावत में व्यस्त थे और वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने के बजाय छह घंटे बाद मौके पर पहुंचे। पुलिस ने इस संबंध में बिजली विभाग पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। ऐसे में पुलिस पूछताछ के लिए अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए है, लेकिन यह कार्रवाई पीडीडी अधिकारियों और कर्मियों को रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि मृतक को इंसाफ दिलाने में सहयोग करने के बजाय विभाग किसी न किसी तरह से पुलिस की कार्रवाई में भी अड़ंगा डाल उनपर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। पीडीडी कर्मियों ने अब हड़ताल का रुख अख्तियार किया है। इससे जाहिर है कि वे इस आंदोलन के जरिए एक तो आरोपियों की जान बचाने का प्रयास कर रहे हैं और दूसरा पुलिस की कार्रवाई को प्रभावित कर रहे हैं।