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लाड़ी को अलग पंचायत बनाने की मांग उठाई

जागरण संवाददाता,कठुआ : ग्रामीण विभाग की टीम ने पंचायत के पुनर्गठन की मांग कर रहे लोगों की राय जानने

By Edited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 09:00 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2016 09:00 PM (IST)
लाड़ी को अलग पंचायत बनाने की मांग उठाई

जागरण संवाददाता,कठुआ : ग्रामीण विभाग की टीम ने पंचायत के पुनर्गठन की मांग कर रहे लोगों की राय जानने के लिए पंचायत जुथाना का दौरा किया। दौरे के दौरान लाड़ी गांव के

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ग्रामीणों के साथ आयोजित बैठक में उनकी आपत्तियां और राय ली। ब्लॉक बरनोटी के कार्यालय से इंस्पेक्टर अशोक शर्मा व पंचायत सेक्रेटरी मोहम्मद अमीन व बोड़ा पंचायत के

सेक्रेटरी लोकेश्वर खजूरिया के

समक्ष ग्रामीणों ने कई दशक पुरानी जुथाना पंचायत के पुनर्गठन की मांग को जोरों से रखते हुए कहा कि सबसे बड़ी पंचायत होने के कारण ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें लोगों ने लाड़ी को अलग पंचायत का दर्जा देने की मांग टीम के समक्ष उठाई। सबसे बड़ी समस्या पंचायत के एक टापू पर होने से सड़क जैसी मूल सुविधाओं का अभाव है। जिसके कारण काज तक गांव में किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अगर कभी फंड मिलते भी है तो भी क्षेत्र ज्यादा होने के कारण उससे समुचित विकास नहीं होता है। गांव के ठाकुर महेंद्र सिंह ने बताया कि पंचायत के पुनर्गठन की मांग विगत कई सालों से की जा रही है ताकि दो पंचायतें होने से विकास में तेजी आए,लेकिन अभी तक उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है। अब विभाग की टीम उनकी इस मांग पर अमल करने से पहले उनकी राय जानने के लिए पहुंची है। जिसमें सभी ने इस मांग को जोरों से उठाया है। पंचायत में आज तक पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं हो पायी है। आजादी के 70 साल बाद आज भी लोग प्राकृतिक स्रोतों से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत की करीब 10 हजार आबादी है और 30 किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। जिसमें 39 मोहड़े पड़ते हैं। ग्रामीणों को आज तक कोई सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है। जिसके चलते लाड़ी के लोगों को करीब 14 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय कर कठेरा में जाकर बस सुविधा लेनी पड़ती है। जिसमें सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों को बारिश के दौरान रास्तों में पड़ते बरसाती नालों के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ती है। सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे लोग प्रशासनिक अनदेखी के साथ-साथ राजनीतिज्ञों की बेरुखी के शिकार हैं। अगर पंचायत में कोई फंड आते हैं तो वे पहले मोहड़े तक ही खत्म हो जाते हैं। एक तरफ उज्ज दरिया ने उनके विकास के सारे रास्ते बंद कर रखे हैं। दूसरी तरफ सरकारी अनदेखी ने। लेकिन अब नई पीढ़ी जागरूक हो रही है और वो अपने क्षेत्र का विकास देखना चाहते हैं। उनकी मांग को देखते हुए विभाग ने टीम भेजी है। जिसके समक्ष लाड़ी के लोगों ने उनकी अलग पंचायत की मांग उठाई है। ग्रामीण विकास विभाग उनकी मांग को पूरा करें ताकि वे लोग भी सुविधाएं लेने के योग्य बन सके।


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