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पानी की तलाश में रिहायशी इलाके में आए हिरन के बच्चे

संवाद सहयोगी, चड़वाल : जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए जिले में बनाई गई एक मात्र जसरोटा वाइल्ड लाइफ

By Edited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 01:01 AM (IST)
पानी की तलाश में रिहायशी इलाके में आए हिरन के बच्चे

संवाद सहयोगी, चड़वाल : जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए जिले में बनाई गई एक मात्र जसरोटा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में पानी के उचित प्रबंध न होने के कारण प्यासे जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं। बुधवार को सुबह प्यास के मारे दो हिरन के बच्चे सेंक्चुरी से सटे धलोटी गांव में घुस आए और वे जैसे ही पानी पीने के लिए तालाब में घुसे तो कुत्तों ने उन पर हमला बोल दिया। गनीमत रही कि आसपास गांवों के लोग मौजूद थे और उन्होंने कुत्तों के हमले से हिरन के बच्चों को बचा लिया। इनमें से एक बच्चा वापस जंगल की ओर भाग गया, जबकि दूसरे बच्चे को लोग बचाकर गांव में ले आए और उसे पानी पिलाया।

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स्थानीय निवासी एवं भाजपा जिला उपप्रधान अशोक जसरोटिया ने कहा कि सरकार को वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में जानवरों के लिए पानी व चारे के उचित प्रबंध करने चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी व खाने की तलाश में अक्सर जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में घुस आते हैं, जो लोगों व जानवरों दोनों के लिए खतरनाक रहता है। उन्होंने कहा कि सरकार को सेंक्चुरी में पानी व खुराक के उचित प्रबंध कर किनारों पर तारबंदी करनी चाहिए, ताकि जानवर भी सुरक्षित रह सकें और लोगों को नुकसान भी न उठाना पड़े।

गौरतलब है कि सेंक्चुरी से सटे अमाला, धलोटी, धमाल, दनोह, लड़ोली आदि गांवों में कई बार जंगली जानवर घुस कर लोगों की फसलों व पालतू जानवरों का नुकसान कर देते हैं।


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