युवकों की स्टंटबाजी ने ली महिला की जान
फोटो सहित- 9,10 -गुस्साए परिजनों ने शव को तीन घंटे हाइवे पर रख कर किया प्रदर्शन -हाइवे जाम रहने
फोटो सहित- 9,10
-गुस्साए परिजनों ने शव को तीन घंटे हाइवे पर रख कर किया प्रदर्शन
-हाइवे जाम रहने से हजारों यात्रियों को हुई भारी परेशानी
जागरण संवाददाता,कठुआ : यातायात से व्यस्त सड़कों पर कुछ बिगड़ैल युवकों की बाइक पर स्टंटबाजी ने एक महिला की जान ले ली है। मौत से गुस्साए परिजनों ने रविवार कठुआ के कालीबड़ी स्थित हाइवे पर करीब तीन घंटे मृतक महिला का शव रख कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हाइवे जाम कर प्रदर्शन कर रहे मृतक महिला के परिजन प्रशासन से मुआवजे की मांग करने के साथ-साथ पुलिस प्रशासन से दुर्घटना के आरोपी बाइक चालक को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े रहे। परिजन खुद डीसी व एसएसपी को मौके पर आकर आरोपी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई और डीसी से मुआवजे की मांग कर रहे थे। हालांकि हाइवे जाम की सूचना मिलते ही तहसीलदार अवतार सिंह,डीएसपी अजय शर्मा और थाना प्रभारी स्वरूप सिंह मौके पर पहुंच गए और प्रदर्शन कर रहे लोगों को आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने व मृतक के परिजनों को जिला अधिकारियों की मंजूरी से रेडक्रास से तुरंत राहत राशि देने का आश्वासन दिया,लेकिन प्रदर्शनकारी दुर्घटना के आरोपी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई और डीसी व एसएसपी के मौके पर आकर बात करने के लिए अड़े रहे। जिसके कारण भीषण गर्मी के दौरान तीन घटे हाइवे जाम रहने से यात्रियों को भी भारी परेशानी हुई।
आखिरकार करीब छह बजे मौके पर मौजूद प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने जिला के उच्च अधिकारियों से बात करके प्रभावित परिवार को उचित राहत और अवश्य कार्रवाई देकर शांत कर लिया। हाइवे खुलने से हजारों यात्रियों ने राहत पाई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण ही शहर में बिगड़ैल बाइक सवार राह चलते लोगों के लिए खतरे का कारण बने हैं। जिसके कारण आज उनकी महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी है। जबकि महिला के साथ दुर्घटना के दौरान उसकी छह वर्षीय बेटी गुंजन भी गंभीर रूप से घायल हुई है। जो अभी भी जिंदगी और मौत क बीच अस्पताल में जूझ रही है। बता दें गत 25 मई को शहर के ड्रीम लैंड पार्क के पास अंजू पत्नी हरविंदर अपनी बेटी गुंजन के साथ पैदल ही जा रही थी कि पीछे से बाइक सवार
युवकों ने स्टंटबाजी करते हुए मां बेटी को टक्कर मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिसके बाद घायल अवस्था में जिला अस्पताल से जीएमसी जम्मू रेफर किया गया था। महिला अंजू देवी ने रविवार सुबह दम तोड़ दिया। जब कि छह वर्षीय बेटी गुंजन अभी भी गंभीर रूप से घायल अवस्था में उपचाराधीन है।
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महिला की मौत से परिवार पर टूटा गमों का पहाड़
कठुआ : महिला की मौत से पूरे परिवार पर गमों और दुख का पहाड़ टूट गया है। उसकी दो अन्य जवान बेटियां भी हैं, जो अपनी मां के सहारे उसके साये में हंसी खुशी से जीवन व्यतीत कर रही थीं। महिला का पति पंजाब में मजदूरी कर जैसे तैसे पत्नी सहित तीन बेटियों का पालन पोषण करता है। इधर महिला की घर में अकेली तीन बेटियों को देखभाल और उनका मां ही मात्र सहारा थीं। ऐसे में उसकी मौत के कारण पूरे परिवार का भविष्य अंधकार में पड़ गया है। प्रशासन को उनकी देखभाल और पढ़ाई का जिम्मा लेना चाहिए साथ ही पुलिस प्रशासन को दुर्घटना आरोपी की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए तथा प्रभावित परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए भी प्रशासन प्रयास करे।
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अधिकारियों की अनदेखी के कारण हो रहे हैं ऐसे मामले
कठुआ
प्रदर्शन में शामिल पीपुल्स एक्शन कमेटी के कैप्टन ज्ञान सिंह पठानियां और मृतका के मामा जगदीश सिंह ने आरोप लगाया कि जिला के अधिकारियों की अनदेखी के कारण ही ऐसे मामले हो रहे हैं। जिसमें गरीब लोग बेमौत की सड़क पर मारे जा रहे है। समय रहते अगर प्रशासन या पुलिस ऐसे लापरवाह चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते तो किसी गरीब परिवार पर आफत नहीं बनती। उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्घटना स्थल के पास एक निजी संस्थान का सीसीटीवी कैमरा लगा है। पुलिस सक्रिय होकर तत्परता से कार्रवाई करना चाहती तो उससे भी फुटेज लेकर आरोपी तक पहुंच जाती,लेकिन किसी ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते गरीब परिवार को ऐसे हालात में भी सड़क पर उतर कर मुआवजे के लिए गुहार लगानी पड़ रही है।
उधर डीएसपी अजय शर्मा का कहना है कि मामला दुर्घटना से संबधित है,पुलिस कार्रवाई कर रही है। वहीं तहसीलदार ने कहा कि डीसी के संज्ञान में मामला लाया गया है,जो भी सहायता संभव होगी, की जाएगी।
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..तो इतने घंटे मार्ग जाम नहीं रहता
प्रदर्शनकारियों की मांग पर अगर डीसी या एसएसपी मौके पर पहुंच कर उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन देते तो शायद तीन घंटे तक हाइवे जाम नहीं होता। लेकिन दोनों में से एक भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच सका। जिसके कारण प्रदर्शनकारी तीन घंटे तक जाम करने को मजबूर हुए। इससे आम जनता को परेशानी उठानी पड़ी।