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लीड-औलाद का कभी भी बुरा नहीं सोचते मां बाप

जागरण संवाददाता,कठुआ : मां-बाप किसी के भी कभी बुरे नहीं होते हैं और वे अपनी औलाद का कभी भी बुरा नहीं

By Edited By: Published: Sat, 06 Feb 2016 09:12 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2016 09:12 PM (IST)
लीड-औलाद का कभी भी बुरा नहीं सोचते मां बाप

जागरण संवाददाता,कठुआ : मां-बाप किसी के भी कभी बुरे नहीं होते हैं और वे अपनी औलाद का कभी भी बुरा नहीं सोचते हैं। ऐसे में हमें कभी भी माता पिता का साथ नहीं छोड़ना चाहिए,इससे उनका दिल टूट जाता है। वे तुम्हारी मुस्कराहट के सिवाय कुछ चाहत नहीं रखते हैं। यह सीख शनिवार कठुआ के केंद्रीय विद्यालय में आयोजित दादा दादी दिवस पर बच्चों ने दादा दादी पर एक स्किट के दौरान उपस्थिति को दी। कार्यक्रम में कठुआ के विधायक राजीव जसरोटिया मुख्य अतिथि के रूप से उपस्थित रहे। उनके साथ विद्यालय के प्राचार्य एम के तिवारी, भाजपा नेता रमेश गुप्ता, विद्यासागर शर्मा, पूर्व एसी महेंद्र नाथ शर्मा, अश्विनी शर्मा, रजनीश बसोत्रा आदि गणमान्य भी उपस्थित रहे। बच्चों ने आयोजित स्किट के माध्यम से समाज को माता पिता, दादा दादी के प्रति स्नेह और प्यार जताने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि उनके माता पिता को दादा दादी को कभी भी वृद्ध होने पर बोझ नहीं समझना चाहिए,क्योंकि शायद वे भूल जाते हैं कि रात को उन्हें सुलाने के लिए खुद दादा दादी जागते हैं। जब तुम रोते थे तो तुझे मनाने के लिए सबसे पहले खाना खिलाते थे और खुद बाद में खाते थे। माता पिता को दादा दादी ने ही चलना सिखाया होता है। ऐसे में उन्हें भूल कर भी उनका कभी दिल नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि अगर जड़ ही सूख जाएगी तो पौधा कैसे कैसे हरा रह पाएगा।

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ऐसे में आज के दिन हम सब को प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम पोते पोतियों को दादा दादी,नाना नानी का सदैव सम्मान करना चाहिए,सदैव उनका कहना मानेंगे और कभी उनका दिल नहीं दुखाएंगे।

मुख्य अतिथि विधायक राजीव जसरोटिया ने अपने भाषण में स्कूल प्रबंधन द्वारा आयेाजित कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा आज की नई पीढ़ी का पश्चिमी की ओर ज्यादा लगाव है जो कि हमारी भारतीय संस्कृति के हित में नहीं है। ऐसे में हमें सबसे पहले अपनी संस्कृति के बारे में बच्चों को ज्ञान देना होगा। इसकी शुरुआत घर से होनी चाहिए। अभिभावकों को अपने बच्चों को सबसे पहले अपनी संस्कृति का ज्ञान देना होगा। भारतीय संस्कृति में माता पिता का दर्जा भगवान के बराबर है। जिन बच्चों पर मां बाप का आशीर्वाद होता है, वह जीवन में सदैव सफलता की ओर बढ़ते हैं और सुखी रहते हैं। भारतीय वेदों में भी मां बाप को भगवान के बराबर दर्जा दिया गया है। ऐसे कार्यक्रम सभी स्कूलों में आयेाजित हों,जहां पर संस्कृति से भी पाठ्य जुड़े हों।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित दादा दादी से भी मंच पर म्यूजिकल चेयर व कुशन फेंक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें दादा में बिशन दास और दादी में प्रेम लता ने बाजी मारी। अपने संबोधन में बिशन दास ने उपस्थित बच्चों को अपने मां बाप के प्रति सदैव आदर भाव रखने की नसीहत दी और दादी प्रेम लता ने स्कूल प्रबंधन का उनके पोते को दस साल तक मूल्यवान शिक्षा देने पर आभार जताया। इसी बच्चों ने भी रंगारंग व संस्कृत कार्यक्रम आयोजित कर अपने दादा दादा का मनोरंजन किया।


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