कांग्रेसियों सहित 38 वकील गिरफ्तार
संवाद सहयोगी, कठुआ : एम्स पर जारी बंद को सफल बनाने के लिए सोमवार को हड़ताली संगठनों द्वारा जबरन दुकान
संवाद सहयोगी, कठुआ : एम्स पर जारी बंद को सफल बनाने के लिए सोमवार को हड़ताली संगठनों द्वारा जबरन दुकानें बंद करवाने के प्रयास में पुलिस ने मुखर्जी चौक से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। व्यापार मंडल व प्रदर्शनकारियों के बीच पुलिस ने बचाव करते हुए बार एसोसिएशन के सदस्यों सहित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर उन्हें थाना ले जाया गया। बाद में कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद रिहा कर दिया।
पुलिस ने बार एसोसिएशन के सदस्यों में एडवोकेट अरविंद गुप्ता के अलावा अजातशत्रु शर्मा, अनिल कलोत्रा, पवनदीप सिंह समेत 21 वकीलों को हिरासत में लिया जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेश शर्मा, पंकज डोगरा, पंकज शर्मा, रविंद्र सिंह के अलावा नेकां के प्रदीप केसर सहित 17 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सभी को थाना में ले जाया गया, यहां कुछ घंटों बाद पुलिस ने तमाम औपचारिकताओं को पूरा करते हुए उन्हें रिहा कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह जम्मू के अवाम की खातिर ही सड़कों उतरे हैं, लेकिन सरकार कोई फैसला लेने को तैयार ही नहीं है।
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चौक-चौराहों पर तैनात रहे सुरक्षाबल
व्यापार मंडल व हड़ताली संगठनों के बीच ठन जाने से सुरक्षाबलों की भारी संख्या में तैनाती की गई थी। यहां तक कि जिन दुकानों को दुकानदारों ने खोला था, वहां पर आसपास सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी, ताकि माहौल न बिगड़े। वहीं शहर के शहीदी चौक, जराई चौक, मुखर्जी चौक के अलावा अन्य विभिन्न मार्गो पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
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माहौल को बिगाड़ने का प्रयास : पूर्व राज्यमंत्री
पूर्व राज्यमंत्री मनोहर लाल शर्मा ने प्रशासन व पुलिस पर माहौल को बिगाड़ने का आरोप लगाया है। मुखर्जी चौक में धरने-प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों से रूबरू होते हुए शर्मा ने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे बार एसोसिएशन के सदस्यों एवं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जाना गलत है, जिसकी वह निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि जिला में शांतिपूर्वक बने माहौल को बिगाड़ने के लिए प्रशासन व पुलिस प्रयास कर रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पुलिस या फिर प्रशासन ने आंदोलन को दबाने का प्रयास किया तो फिर इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।