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अतिरिक्त प्रभार के सहारे चल रहा है नए ब्लाकों का काम

- नए ब्लाक बनने से लोगों की परेशानियों कम होने के बजाय बढ़ी करूण शर्मा, बिलावर : ग्रामीण क्षे

By Edited By: Published: Mon, 25 May 2015 01:36 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 01:36 AM (IST)
अतिरिक्त प्रभार के सहारे चल रहा है नए ब्लाकों का काम

- नए ब्लाक बनने से लोगों की परेशानियों कम होने के बजाय बढ़ी

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करूण शर्मा, बिलावर :

ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति को तेज करने के लिए पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए नए ब्लाकों में अभी तक ब्लाक डेवलपमेंट आफिसर (बीडीओ)की नियुक्ति नहीं हो पाई है। यह ब्लाक अतिरिक्त प्रभार के सहारे चल रहे हैं। चार ब्लाकों की जिम्मेदारी एक बीडीओ के जिम्मे है। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नई प्रशासनिक यूनिटों के लिए मौजूदा सरकार द्वारा ना तो प्रशासनिक ढंग से कोई उचित नियुक्ति की जा रही हैं और न ही ढांचागत सुविधाओं के लिए कोई प्रयास। अधिकारियों के टोटे के कारण लोगों को सुविधा कम असुविधा ज्यादा हो रही है। तो ग्राम सेवकों को भी अन्य ब्लॉकों के अतिरिक्त कार्यभार के कारण कई प्रकार की परेशानिया हो रही है।

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बीडीओ एक कार्य प्रभार चार ब्लाकों के

ब्लाक स्थिति अतिरिक्त प्रभार

बिलावर रिक्त मल्हार बीडीओ

बग्गन रिक्त मल्हार बीडीओ

डुग्गैन रिक्त मल्हार बीडीओ

इनके अलावा मांडली, गुजरु नगरोटा व मल्हार में बीडीओ की स्थायी नियुक्ति है। -

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किस ब्लॉक में कितनी पंचायतें

बिलावर और लोहाई मल्हार ब्लॉक काफी पुराने हैं। बिलावर ब्लॉक में मौजूदा परिपक्ष में 14 पंचायतें है। बग्गन में 6, मल्हार में 7, नवगठित डुग्गैनी ब्लॉक में 8 पंचायतें , माडली में आठ, नगरोटा में 16 पंचायतें है। जिसके लिए कायदे से हर पंचायत के लिए एक एक बीएलडब्लयू या एमपीडब्लयू होना चाहिए। लेकिन नये पदों को मंजूरी करने के बजाय पूर्व सरकार ने अन्य ब्लॉकों के ग्राम सेवकों को नये ब्लॉकों को एडजस्ट करने का काम किया है। जिसमें एक ग्राम सेवक को चार-चार पंचायतों का कार्यभार देखना पड़ रहा है। जिसमें बिलावर ब्लॉक के ग्राम सेवक को बसोहली तहसील के महानपुर ब्लाक का अतिरिक्त तो माडली ब्लॉक में भी अपनी सेवाएं दे रहें है।

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लोग परेशान, कर्मी बेहाल

एक एक ग्रामसेवक जब चार-चार पंचायतों का काम देख रहा है तो ऐसे में विभाग का काम प्रभावित होना स्वाभाविक है। दूरदराज क्षेत्रों के लोगों को नई यूनिट बनने से राहत कम परेशानी अधिक हो रही है। अधूरे स्टाफ के कारण प्रशासनिक काम होना असंभव लगते हैं। सदरोता के सरपंच अब्दुल हमीद, मल्हार की सरपंच प्रवीणा अख्तर, मछेड़ी के सरपंच खुशी राम का कहना है कि पहले लोगों को पता होता था कि बिलावर में उनका काम हो जाएगा। लेकिन अब नए ब्लॉकों में बीडीओ और ग्राम सेवकों के पद रिक्त होने के कारण उन्हे पता ही नहीं लगता कि वे किसकेपास अपना काम करवाने जाएं।

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उच्च अधिकारी सब जानते है

चार चार ब्लॉकों का कार्यभार देख रहें बीडीओ मल्हार अंकुश हंस का कहना है कि सारी स्थिति के बारें में विभाग के उच्चाधिकारी अधिकारी परिचित है।

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'एसडीएम बिलावर आरएस चाढ़क का कहना है कि बीडीओ के रिक्त पदों को भरने का काम सरकार का है। ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को सारी स्थिति के बारे में जानकारी है।'


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