तीन दशकों से नहीं बढ़ाया गया स्कूल का दर्जा
- पैदल सफर कर बनी आते हैं विद्यार्थी संवाद सूत्र, बनी : भंडार गाववांसियों को उस दिन का इंतजार
- पैदल सफर कर बनी आते हैं विद्यार्थी
संवाद सूत्र, बनी :
भंडार गाववांसियों को उस दिन का इंतजार है जब उनके बच्चे अपने ही गांव में उच्च शिक्षा हासिल कर पाएंगे। सरकारी उदासीनता से परेशान गांववासी पिछले तीन दशकों से हाई स्कूल का दर्जा बढ़ाकर हायर सेकेंडरी करने की मांग कर रहे है परंतु कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। बेटों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए गांव के लोग 35 किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता पैदल तय कर बनी तो भेज देते हैं परंतु सुरक्षा कारणों से अधिकतर बेटियों को अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़नी पड़ रही है।
सरपंच मंसा राम का कहना है कि दसवीं के बाद आगे की शिक्षा हासिल करने वालों की गांव में संख्या काफी कमी है। कुछेक बच्चे हैं जो इतनी मुश्किलें झेलने के बाद बनी में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए जा रहे हैं परंतु अगर बेटियों की बात करें तो अधिकतर को दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी है।
वहीं सोम राज, कुलभूषण सिंह, दर्शन कुमार ने कहा कि हायर सेकेंडरी में पढ़ाने के लिए बेटियों को पहाड़ी रास्ता तय करना पड़ेगा जो सुरक्षा कारणों से सही नहीं है। यदि वे बस सेवा का इस्तेमाल करती हैं तो इसमें घर खर्च में वृद्धि होती है, जो उनके लिए संभव नहीं है। इसीलिए अधिकतर लोगों ने दसवीं के बाद बेटियों को आगे की पढ़ाई के लिए नहीं भेजा।
सरपंच ने कहा कि वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में जब इस गांव के मास्टर लालचंद विधायक बने तो लोगों को आस बंदी थी कि स्कूल को अपग्रेड किया जाएगा परंतु ऐसा नहीं हुआ। उसके बाद भी गांव के लोग कई बार मंत्रियों, शिक्षा विभाग के पास अपनी समस्या को लेकर गए परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। गांववासियों ने ने मौजूदा भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार से गुहार लगाई कि वे गांव के युवाओं को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल को अपग्रेड कर उसे हायर सेकेंडरी स्कूल का दर्जा दिलवाएं।
-------
- सरकार ने पिछले काफी समय से किसी भी हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल का दर्जा नही दिया है। भंडार गांव की इस समस्या को उन्होंने प्राथमिकता में रखा हुआ है, जब कभी भी सरकार स्कूल अपग्रेड करने की कवायद शुरू करती है, भंडार हाईस्कूल को प्राथमिकता दी जाएगी।
- मिल्खी राम
जेडईओ, बनी