राशन के लिए मीलों करना पड़ता है सफर
संवाद सहयोगी, बसोहली : सड़क सुविधा से वंचित दर्जनों गांवों के लोगों को राशन के लिए मीलों सफर करना
संवाद सहयोगी, बसोहली : सड़क सुविधा से वंचित दर्जनों गांवों के लोगों को राशन के लिए मीलों सफर करना पड़ता है। गांवों के सड़क से कई किलोमीटर दूर होने के कारण ग्रामीणों को इसका हर्जाना देना पड़ता है।
तहसील के गांव जगना, नगाली, गोडल, कुंड, कलाह, माजरा व गरलू के लोगों को राशन के लिए बाडीघाट गांव आना पड़ता है। अगर राशन उपलब्ध हो तो मिल जाता है। अगर नहीं हो तो पूरा दिन बेकार हो जाता है।
नगाली गांव के सरपंच भगत राम, गोडल के राजेंद्र सिंह, चैन सिंह व मोहिन्द्र कुमार ने बताया कि उन्हें गांव में ही राशन मिले तो कई प्रकार की मुश्किलों से निजात मिल सकेगी। उनका कहना है कि उनके गांवों में भी राशन डिपो डीलर बन सकते हैं और कई बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता है। बिना राशन डिपो के किराये पर घोड़े व खच्चर का प्रबंध कर बाड़ीघाट जाना और राशन लाने में कई बार अंधेरा हो जाता है, जिससे जंगली रास्ता होने के कारण ग्रामीणों को जंगली जानवरों का भय बना रहता है।
उनका कहना है कि सड़क तो दूर की बात है। अगर डिपो मिल जाए तो भी अच्छा है। उन्होंने जिला प्रशासन से दूरदराज के गांवों को चिन्हित कर नए राशन डिपो बनाने की मांग की। इस बारे में टीएसओ सुदेश कुमार का कहना है कि इसके लिए कोशिश जारी है।