मौसम ने लगाई मनरेगा के कार्यो पर ब्रेक
संवाद सूत्र बनी : तहसील में बढ़ती ठंड के प्रकोप ने जहां आम गतिविधियों पर ब्रेक लगा है, वहीं तहसील मे
संवाद सूत्र बनी : तहसील में बढ़ती ठंड के प्रकोप ने जहां आम गतिविधियों पर ब्रेक लगा है, वहीं तहसील में मनरेगा का काम शुरू न हो पाने से क्षेत्र के मजदूर निराश हैं।
आसो के सरपंच रतन चंद, गत्ती के सुशील कुमार, डुग्गन के देस राज, भंडार के मंसाराम आदि का कहना है कि विंटर जोन में पड़ने वाली तहसील में सर्दी के मौसम में वैसे भी इस तरह के काम पूरी तरह से बंद रहते हैं और अब जबकि सर्दियां शुरू हो गई है तो तीन महीने के बाद ही कुछ विकास कार्य हो सकते हैं, लेकिन मार्च में वित्त वर्ष समाप्त हो जाएगा। ऐसे में इस साल मनरेगा तहत काम होने की उम्मीद कम ही है। उनका कहना था कि पहाड़ी क्षेत्र में लोगों के लिए जहां रोजगार के साधन कम है वहां लोग साल भर से इस इंतजार में रहते हैं कि ग्रामीण विकास विभाग कब काम शुरू कराएगा, ताकि वे रोजी रोटी कमा सकें। अब सर्दी के मौसम को देखते हुए यह संभावना लगभग खत्म हो रही है। उनका कहना था कि जब भी तहसील कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहते हैं वह हर बार मनरेगा के काम तहसील में पहले करवाने की मांग करते आ रहे है लेकिन फिलहाल उनकी इस मांग पर आज तक गौर नही किया गया जिससे इस योजना के तहत होने वाले विकास कार्य का न तो आम लोगों को लाभ मिला और नही मजदूरों को। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग से क्षेत्र में मनरेगा कार्य की समय सारिणी में बदलाव करने की मांग की है। इस बारे में बीडीओ प्रदीप कुमार का कहना है कि फंड न उपलब्ध होने के कारण इस तरह की समस्या आई है जैसे ही फंड आता है विकास कार्य शुरू किए जाएंगे।