ब्रह्म तो सभी, ज्ञान होना ही शेष : सुभाष शास्त्री
जागरण संवाददाता, कठुआ : अखंड परमधाम नौनाथ घगवाल में पिछले नौ दिनों से जारी श्री अंबा महायज्ञ एवं श्र
जागरण संवाददाता, कठुआ : अखंड परमधाम नौनाथ घगवाल में पिछले नौ दिनों से जारी श्री अंबा महायज्ञ एवं श्रीमद्देवी भागवत कथा सोमवार पुर्णाहुति के साथ संपन्न हो गई। महायज्ञ में आचार्य प्रवर हरिद्वार से महामंडलेश्वर अनंत श्री विभूषित युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज ने शामिल होकर अध्यक्षता की और अपनी अमृतमय वाणी से हजारों धर्मप्रेमियों को निहाल कर उन्हें सदैव सत्य और धर्ममार्ग पर चलने का आह्वान किया।
संत सुभाष शास्त्री जी ने श्रीमद्देवी भागवत कथा सुनाकर हजारों भक्तों को पुण्य का भागी बनाया। कथा संयोजक इस बार भी प्रेम सागर अजीज रहे। कथा का करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने श्रवण कर आध्यात्मिक लाभ कमाया।
कथा के अंतिम दिन संत सुभाष शास्त्री ने उपस्थित संगत से कहा कि संसार में मनुष्य के लिए सबसे बड़ी कल्याण प्राप्ति यही है कि उसका चित्त तीव्र भक्तियोग के द्वारा प्रभु में लगकर स्थिर हो जाए। बुराई छोड़ने का लाभ है, परंतु जो महापुरुषों के कहने पर तुरंत बुराई का त्याग और अच्छाई को ग्रहण कर लेते हैं, वे बहुत बड़े लाभ को प्राप्त कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि यदि तुम्हें सबके स्वामी अंतर्यामी प्रभु का ध्यान-भजन करना है तो सद्गुरु की शरण में जाकर ज्ञानोपदेश और उनका आशीर्वाद लेकर अभी से भजन शुरू कर दें। आखिर फिर तुम्हें कब समय मिलेगा। काल की गति बड़ी विचित्र है। जो कभी हरे भरे वृक्ष थे, वे सब अब सूखे हो गए और जलाने के लिए ईधन बन गए हैं। अत: समय को मत गंवाओ।
शास्त्री ने कहा कि ब्रह्म तो आप अभी भी हैं, ब्रह्म तो सभी हैं, केवल ज्ञान होना ही शेष है। ज्ञान हो जाए तो आप ब्रह्मज्ञानी अथवा हम ब्रह्म ज्ञान का स्वरूप ही हैं। आप स्वयं दीप होकर प्रकाश फैलाओ।
इससे पहले संत सुभाष शास्त्री जी का जन्मोत्सव भी सोमवार को आश्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं ने धूमधाम से मनाकर उन्हें ढेर सारी बधाई दी।