पाकिस्तान पर नहीं हो पा रहा यकीन
संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमा पर भले ही शांति है पर दोबारा गोलीबारी की आशंका से लोग खौफजदा हैं। दिन म
संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमा पर भले ही शांति है पर दोबारा गोलीबारी की आशंका से लोग खौफजदा हैं। दिन में दोनों ओर से किसान खेतों में काम करते हैं और शाम होते ही या तो घरों में दुबक जाते हैं, या राहत शिविरों में लौट आते हैं। हीरानगर हायर सेकेंडरी, गर्ल्स हाई स्कूल, हायर सकेंडरी स्कूल मढ़ीन मिडिल स्कूल मढ़ीन में लोग पिछले कई दिनों से शरण लिए हुए हैं। शिविरों का दौरा करने पहुंचे बार्डर यूनियन के उपप्रधान भारत भूषण, दौलत राम को शरणार्थी बंसी लाल, रुमाल चंद, प्रकाशों देवी, करतार चंद, तरसेम लाल स्वर्ण चंद ने बताया कि उन्हें गोलीबारी के दौरान प्रशासन ने राहत शिविरों में बिठाया था। जीरो लाइन के दो दर्जन के करीब गांवों के लोग रात को शिविरों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि आशंका है कि दीपावली के दिन पाकिस्तान गोलीबारी कर सकता है। 1998 में पाकिस्तान ऐसा कर चुका है। पाक गोलीबारी में मन्यारी की एक लड़की घायल हो गई थी। अब प्रशासन के कहने पर ही घरों को वापस जाएंगे।
उधर, सेना की ओर से मेडिकल चेकअप कैंप की सूचना सीमांत गांवों में मिलने पर काफी लोग हीरानगर राहत कैंप में पहुंच गए। जब लोग वहां पहुंचे तो न सेना के अधिकारी वहां पहुंचे थे, और न ही कैंप इंचार्ज की ओर से लोगों के खाने व अन्य प्रबंध किए गए थे। जब इसकी जानकारी एसडीएम सोहन लाल से मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें सैनिक कैंप की कोई सूचना नहीं मिली है। दोपहर एक बजे वहां आए लोगों के लिए बनाने को कहा गया। पीडीपी नेता गोपाल दासय, छज्जू राम, खातिर का कहना है कि उन्हें सूचना दी गई थी, तभी वे शिविर में आए हैं। अफवाह की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।