Move to Jagran APP

राजा जनक ने चलाया हल

संवाद सहयोगी, बसोहली : बसोहली की राम लीला की एक अलग पहचान है। सीता के जन्म को देख दर्शक यही कह रहे थ

By Edited By: Published: Mon, 29 Sep 2014 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 29 Sep 2014 08:26 PM (IST)
राजा जनक ने चलाया हल

संवाद सहयोगी, बसोहली : बसोहली की राम लीला की एक अलग पहचान है। सीता के जन्म को देख दर्शक यही कह रहे थे कि ऐसी प्रस्तुति बेमिसाल है। राम लीला का मुख्य आकर्षण मुनि विश्वामित्र द्वारा राक्षसों के वध के लिए अयोध्या के नन्हे राजकुमारों राम और लक्ष्मण को जंगल में ले जाना, ताड़का वध और सुबाहु, मारीच के साथ युद्ध और सीता का जन्म रहा। राजा जनक के राज दरबार में ग्रामीणों का अकाल और सूखे से राहत के लिए राजा जनक से गुहार लगाना कि भयंकर सूखे से प्रजा को राहत दिलाने के लिए वह प्रयास करें। राजा जनक को गुरु शतानंद का सुझाव देना कि खुद हल चलाएं तो समस्या का समाधान हो सकता है।

loksabha election banner

राजा जनक द्वारा भूमि का पूजन करना और खुद हल चलाना और हल चलाते वक्त धरती से सीता का जन्म लेना। इन दृश्यों के चलते हर कोई गदगद हो गया।

रामलीला के मंचन में सीता जन्म का दृश्य मनोहारी और उत्कृष्ट था, इसमें आधुनिक तकनीक का भी प्रयोग किया गया था। जब राजा जनक खेतों में बैल लेकर हल चला रहे थे तो कृत्रिम वर्षा के विशेष प्रबंध किये गये थे। मोटर लगा कर फुब्बारों को खंभे के ऊपर लगाया गया था पानी की बौछार से ऐसा लगा मानो सचमुच की बारिश हो रही हो। जब राजा जनक का हल जमीन में अटक जाता है और पटाखे की आवाज से जमीन फट जाती है और सीता का जन्म होता है। इस दृश्य के लिए रामलीला मैदान में पहले से ही गुफा निर्माण करवाया गया है, जिसमें धरती माँ की गोद से कमल के फूल पर बच्ची के रूप में सीता का अवतार होता है। इस दृश्य को बनाने में प्रधान चंद्रशेखर, उप प्रधान अजय साध, केवल कृष्ण पाधा, सुभाष फंदा, जिंदल पाधा, रमेश मनकोटिया, सुनील सोनी, मोहन मेहरा और अन्य कलाकारों ने योगदान दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.