सफाई की व्यवस्था न होने से परेशानी
संवाद सूत्र, बनी : कस्बे में सफाई की कोई व्यवस्था न होने से स्थानीय लोगों में तहसील प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है। स्थानीय सूरज प्रकाश, हंस राज, दयाराम, बेली राम आदि का कहना है कि चार हजार की आबादी वाले इस कस्बे में सफाई के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया। उससे कस्बे के हजारों घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले कचरे को मजबूरन स्थानीय लोगों को इधर-उधर फेंकना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि गर्मी में तहसील में हजारों पर्यटक आते हैं, जिनका स्थानीय दुकानदार वर्ष भर इंतजार करते हैं, लेकिन गंदगी के कारण पर्यटक बाजारों में नहीं रुकते और दुकानदारों का नुकसान होता है। गंदगी के कारण गर्मी में बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है।
बीएमओ लियाकत अली का कहना है कि लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी इस समस्या के लिए उनका विभाग गंभीर है और कस्बे में सफाई के लिए विभाग हर साल पंचायत को पांच हजार रुपये देता है। इसलिए पंचायत को कस्बे में सफाई करानी चाहिए। सरपंच बनी उत्तम चंद का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाले पांच हजार रुपये से पंचायत हर साल होने वाले वार्षिक मेले के लिए सफाई कराती है। इसके अतिरिक्त धन की कोई और व्यवस्था न होने के कारण नियमित तौर पर सफाई नहीं की जा सकती है। बीडीओ प्रदीप कुमार का कहना है कि वह पंचायत से बात कर मनरेगा योजना के तहत सफाई कराने का प्रयास करेंगे।