महिलाओं ने किया श्रद्धा से आमली पूजन
जागरण संवाद केंद्र, कठुआ : हिंदू धर्म में पत्थरों, पशुओं और पेड़-पौधों को भी देवी-देवताओं के रूप में माना गया है और विशेष दिन पर इनकी धार्मिक परंपरा और पूरी श्रद्धा के साथ विधिपूवर्क पूजा की जाती है। कठुआ शहर के विभिन्न भागों में सोमवार को महिलाओं ने आमली के पेड़ की विधिपूर्वक पूजा की।
महिलाओं में आमली पूजन को लेकर काफी उत्साह रहा। गांवों में इस पूजा को महिलाएं और भी ज्यादा धार्मिक महत्ता देती हैं। अगर तुलसी के पौधे को भगवान विष्णु ने लक्ष्मी के रूप में मान्यता दी है तो आमली को शंकर भगवान ने पार्वती के रूप में मान्यता दी है। यानि तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, वैसे ही आमली की पूजा करने से मां पार्वती प्रसन्न होती हैं। फिर कार्तिक मास हिंदू संस्कृति में वैसे भी धार्मिक महीना माना गया है। इस माह में हर दिन किसी न किसी देवता की पूजा का महत्व है। पंडित कालीचरण बृजवासी के अनुसार हर वर्ष की तरह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में अक्षय नवमीं पर महिलाएं आमली की पूजन करती हैं। यह पूजा कई युगों से चली रही है, जिसकी महत्ता आज भी जारी है। इस पूजा में महिलाएं आमली के पेड़ की धार्मिक विधि से पूजा करती हैं और खिचड़ी पकाकर श्रद्धालुओं को परोसती हैं।
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