वार्ता के लिए कश्मीर आएं पाक आतंकी और आइएस
राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्वामी अग्निवेश ने कश्मीर में ¨हसा के लिए जिम्मेदार पाक आतंकवादियों के साथ
राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्वामी अग्निवेश ने कश्मीर में ¨हसा के लिए जिम्मेदार पाक आतंकवादियों के साथ इस्लामिक स्टेट (आइएस) को श्रीनगर में अप्रैल में होने वाली बातचीत में हिस्सा लेने का निमंत्रण दिया है। अलगाववादियों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि शांति चाहने वाले ये लोग कश्मीर के प्रतिनिधि हैं। उन्हें अलगाववादी कहना सही नहीं है।
गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा को पाखंड कहने वाले स्वामी पहले भी अलगाववादियों के समर्थन में बोलते आए हैं।
दशकों पुरानी कश्मीर मसले के समाधान के लिए अप्रैल में श्रीनगर में होने वाली बातचीत में पाकिस्तान से आतंकवादी व इस्लामिक स्टेट को भी आना चाहिए, इसमें कोई हर्ज नहीं है। स्वामी अग्निवेश वीरवार दोपहर को जम्मू में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शांति के लिए बातचीत एक निरंतर प्रक्रिया है। यह मसले का समाधान होने तक जारी रहेगी। महाबोधी इंटरनेशनल मेडीटेशन सेंटर के महाकरुणा दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अग्निवेश ने कहा कि शांति के लिए सबसे बातचीत हो चाहे कोई आतंकवादी हो जाए आइएस। पाकिस्तान के हालात पर उन्होंने कहा कि वहां भी खून-खराबे के चलते शांति व बातचीत जरूरी है। सूफी स्थलों पर हमले निदंनीय हैं। हमले का जिम्मेदार इस्लामिक स्टेट इस्लाम की राह पर नहीं चल रहा है। कश्मीर को लेकर होने वाली बातचीत में सबको आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा कि हालात की बेहतरी के लिए यह सबके लिए उचित मौका है। उन्होंने श्रीनगर में हुर्रियत के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी, यासीन मलिक व उमर फारूक से भी बातचीत की है। वे क्षेत्र में शांति चाहते हैं। अलगाववादियों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि हम किन लोगों को अलगाववादी कह रहे हैं। उन्होंने शिवरात्रि के मद्देनजर 24 फरवरी को कश्मीर में होने वाली हड़ताल को कश्मीरी पंडितों की खातिर टाल दिया। अलगाववादियों को कश्मीर का नेतृत्व करार देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें बातचीत से दूर नहीं रखा जा सकता है। हम चाहते हैं कि कश्मीर में पत्थरबाजी बंद हो। बातचीत से ही क्षेत्र में ¨हसा का दौर खत्म होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि गोली से नहीं बोली से के लक्ष्य के साथ कश्मीर में शांति के लिए बातचीत की जा रही है, लिहाजा इसमें समाज के सभी वर्गो के प्रतिनिधियों को हिस्सा लेने के लिए सामने आना चाहिए।