शुभ मुहूर्त में करें महाशिवरात्रि पूजन
जागरण संवाददाता, जम्मू : भगवान शिव को बुद्धिमता, प्रकाश और रोशनी का प्रतीक माना गया है। वह दुनिया के
जागरण संवाददाता, जम्मू : भगवान शिव को बुद्धिमता, प्रकाश और रोशनी का प्रतीक माना गया है। वह दुनिया के रचयिता हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से जहां समस्त मनोकामनाएं पूरी होंगी, वहीं घर का पितृ दोष भी समाप्त होगा। घर के समस्त वास्तु दोषों का भी निवारण होता है। यह महा पर्व एक नई उमंग लेकर मानव जीवन को प्रोत्साहित करता है। बाबा कैलख देव स्थान के महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि शिवरात्रि के दिन जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शास्त्री जी ने कहा कि रात के समय भूत, प्रेत, पिशाच, शक्तियां और स्वयं शिवजी भ्रमण करते हैं। उस समय इनका पूजन करने से मनुष्य के पाप दूर हो जाते हैं। रात के चार प्रहरों में से जो बीच के दो प्रहर हैं, उन्हें निशीधकाल कहा गया है। उसी काल में की हुई भगवान शिव की पूजा अभीष्ट फल को देने वाली होती है। ऐसा जानकर कर्म करने वाला मनुष्य यथोक्त फल का भागी होता है। चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं। ज्योतिष शास्त्रों में इसे परम कल्याणकारी कहा गया है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में आती है। परंतु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा गया है। शिव रहस्य में कहा गया है अर्थात फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात में आदि देव भगवान शिव करोड़ों सूर्यो के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए इसलिए इसे महाशिवरात्रि मानते हैं। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजन करने से पुण्य फल प्राप्त होगा।
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24 फरवरी
चतुर्दशी तिथि आरंभ- रात्रि 09:38
निशीध काल पूजा का मुहूर्त-
मध्य रात्रि 11:44 से 12:40 तक
पहले प्रहर की पूजा-
संध्या 06:18 से रात्रि 09:20 तक
दूसरे प्रहर की पूजा-
रात्रि 09:20 से 12:40 तक
तीसरे प्रहर की पूजा-
रात्रि 12:40 से 03:45 तक
चौथे प्रहर की पूजा-
रात्रि 03:45 से सुबह 06:53 तक
25 फरवरी
पारण का समय- सुबह 06:54 से 03:24
चतुर्दशी तिथि समाप्त- रात्रि 09:20
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