वादी-ए-कश्मीर देखने निकला परिवार बीच रास्ते से ही लौटा, दहशत
जो सैलानी वादी ए कश्मीर की खूबसूरती देखने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर जा रहे हैं उन्हें भी बीच रास्ते से ही मायूस लौटना पड़ रहा है।
जम्मू, [जागरण ब्यूरो] । जिस जन्नत को देखने के लिए हर वर्ष देश-विदेश से सैलानी कश्मीर पहुंचकर कुदरती नजारों का आनंद उठाते थे, वही जन्नत अब पत्थरबाजों की वजह से जहन्नुम बनकर रह गई है। सरकार कश्मीर में बिगड़ते हालात के बाद देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को सुरक्षा प्रदान करवाने के दावे कर रही है। बावजूद इसके जो सैलानी वादी ए कश्मीर की खूबसूरती देखने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर जा रहे हैं उन्हें भी बीच रास्ते से ही मायूस लौटना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक हादसा जन्नत देखने के लिए कानपुर से आई संगीता वाडे के साथ हुआ। वह 28 मई की सुबह परिवार के पांच सदस्यों के साथ वादी ए कश्मीर की खूबसूरती देखने जम्मू से प्राइवेट टैक्सी पर निकली। अभी गाड़ी ने अनंतनाग में प्रवेश किया ही था कि वहां तैनात पुलिस के जवानों ने उन्हें लौटने की सलाह दी।
उनकी आंखों के सामने कई पर्यटकों को लेकर जाने वाले वाहनों को पत्थरबाजों ने क्षतिग्रस्त किया। इस कारण से वे काफी सहम गए थे। उन्होंने तुरंत लौटने में ही बेहतरी समझी।
संगीता ने कहा कि वह भविष्य में कभी भी कश्मीर घूमने के लिए नहीं जाएंगी और न ही अपने परिचित और रिश्तेदारों को कश्मीर घूमने की सलाह देंगी। जन्नत के नाम से मशहूर वादी अब जहन्नुम बन चुकी है। यही हाल रहा तो फिर अमरनाथ यात्र में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कटौती होगी।
पर्यटकों को लेकर कश्मीर घाटी गए जम्मू के रोहित कुमार के टैंपो ट्रैवलर को पत्थरबाजों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत जुटाकर टैंपो ट्रैवलर में बैठे 15 पर्यटकों को सकुशल जम्मू पहुंचाया।
रोहित ने बताया कि वह 28 मई को सोनामर्ग से पर्यटकों को घुमाकर श्रीनगर लौट रहे थे। रास्ते में पत्थरबाजों ने उनके वाहन को घेर लिया। जैसे-तैसे उन्होंने गाड़ी में बैठे 15 पर्यटकों जिनमें चार बच्चे भी शामिल थे, को सिर नीचे झुकाकर बैठने के लिए कहकर वाहन को दौड़ाया।
पत्थरबाजों ने टैंपो ट्रैवलर के शीशे तोड़ दिए। कुछ दूरी पर जाकर उन्होंने इसकी सूचना 100 नंबर डॉयल कर पुलिस कंट्रोल रूम को दी, लेकिन एक घंटे तक कोई भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा। बड़ी मुश्किल से वह सवारियों को लेकर सुरक्षित जम्मू लौटे। प्रशासन की ओर से कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई जा रही है।
घाटी घूमने का सपना लेकर आने वाले पर्यटक लौट रहे निराशकहा-जन्नत के नाम से मशहूर वादी अब बन चुकी है जहन्नुम पर्यटकों के वाहनों को बना रहे निशाना।
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