पाकिस्तानी जेल से तीन साल बाद छूटा सोहन लाल
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : सीमा से लगते गांव गुलाबगढ़ बस्ती में रहने वाला सोहन लाल चौधरी तीन साल पाकिस
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : सीमा से लगते गांव गुलाबगढ़ बस्ती में रहने वाला सोहन लाल चौधरी तीन साल पाकिस्तानी जेल में रहने के बाद रिहा हो गया। सोहन के रिहा होने की सूचना उसके परिजनों को वीरवार मीडिया के माध्यम से मिली तो परिवार के साथ पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।
हालांकि सोहन लाल वीरवार को अपने घर तो नहीं पहुंच पाया, लेकिन उसके परिजन उसकी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। राज्य पुलिस का जवान सोहन लाल चौधरी 11 मई 2014 में गलती से भारतीय सीमापार कर पाकिस्तान चला गया था, जहां उसे पकड़कर जेल भेज दिया गया। सोहन लाल के साथ संपर्क नहीं होने पर परिजन उसकी रिहाई का हर संभव प्रयास कर रहे थे। वीरवार को परिजनों को उसके अमृतसर के वाघा बार्डर पर पहुंचने की सूचना मिली। परिवार के सदस्यों ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सोहन लाल की पाकिस्तान सरकार से छुड़ाने का आग्रह करने के साथ सीमा सुरक्षा बल के उच्चाधिकारियों को कई बार लिखित में अवगत करवाया था।
सोहन लाल के पिता गारू राम और धर्मपत्नी सरबजीत कौर का कहना है कि केंद्र सरकार व सीमा सुरक्षा बल के प्रयासों से ही यह संभव हो पाया। पिछले तीन वर्षो से दोनों देशों के बीच कड़वाहट के कारण उन्होंने सोहन लाल के घर वापस की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन भगवान ने उनकी सुन ली। सीमा सुरक्षा बल ने भी फ्लैग मीट के दौरान पाक रेंजर्स से सोहन लाल की रिहाई की मांग की थी।
वहीं, परिजनों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सोहन की वापसी की जानकारी उन्हें नहीं दी गई। अगर उन्हें इसकी जानकारी मिली होती तो वे उसे लेने वाघा वार्डर पर जाते।
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बेटियों को है पिता का इंतजार
सोहन लाल दो बेटियों का पिता है। अब उसकी बेटियों को अपने पिता की घर वापसी का बेसब्री से इंतजार है।
सोहन लाल की बड़ी बेटी अंजलि सातवीं कक्षा में पढ़ती है। उसने बताया कि पिछले तीन साल से पाक की जेल में वह बंद रहे। वह हमेशा भगवान से अपनी पिता की वापसी की प्रार्थना करती थी। पहली कक्षा में पढ़ रही छोटी बेटी मानवी का कहना है कि उसे पापा की बहुत याद आती है। वह उन्हें देखने के लिए तरस रही है। सोहन लाल की छोटी बहन चरणजीत का कहना है कि तीन वर्षो के बाद उसको भाई की कलाई पर राखी बांधने का अवसर मिलेगा।