राज्य खुशहाल तभी होगा जब किसान खुशहाल होंगे
जागरण संवाददाता, जम्मू : राज्य तभी खुशहाल होगा जब यहां के किसान खुशहाल होंगे। किसानों की आय अगर 202
जागरण संवाददाता, जम्मू : राज्य तभी खुशहाल होगा जब यहां के किसान खुशहाल होंगे। किसानों की आय अगर 2022 तक दोगुनी करनी है तो हमें पारंपरिक खेती को बढ़ावा देना होगा। खेती को आर्गेनिक में बदलना होगा, मार्केटिंग पर बल देना होगा। उन्नत किसानों से सीखना होगा व हर साल काम का लक्ष्य तय करना होगा। उन्नत किसानों को रोल माडल के तौर पर अन्य किसानों में पेश किया जाना चाहिए। ये बातें कृषि मंत्री गुलाम नबी लोन हंजूरा ने मंगलवार को कृषि विभाग की ओर से चट्ठा के स्कास्ट कैंपस में आयोजित सेमीनार व कार्यशाला में कहीं। यह सेमिनार किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुना करने के विषय पर था।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गुलाम नबी लोन हंजूरा ने उन उन्नत किसानों की भूरि भूरि प्रशंसा की जोकि अपनी सूझबूझ व कड़ी मेहनत से खेतीबाड़ी में सफलता दर्ज कर अपनी आमदनी को दोगुना तिगुना कर सबको हैरान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत किसानों से दूसरे किसानों को मिलाया जाए ताकि आधुनिक खेती को बढ़ावा मिल सकें। साथ उन्नत किसान कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय के लिए भी रोल मॉडल है। कृषि विशेषज्ञ व अधिकारियों को समझना होगा कि आखिर वह किस तरह खेती कर रहे हैं। गुलाम नबी लोन हंजूरा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में किसानों की हालत अच्छी नही है। महज पारंपरिक खेती की पैदावार बढ़ा देने से किसानों की आय नही बढ़ेगी। उन्होंने आरएस पुरा की विश्व प्रसिद्ध बासमती व भद्रवाह के राजमाश का उदाहरण दिया। मंत्री ने कहा कि इसको उगाने वाला किसान कम दाम के चलते नाखुश हैं। हमें मार्केटिंग की राह निकालनी होगी। वहीं कृषि निदेशक अशोक कुमार मल्होत्रा ने किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए विभिन्न तर्क दिए।
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जैविक खेती अपनाने पर दिया जोर
कृषि मंत्री ने कहा कि जैविक खेती को अपनाना होगा और पारंपरिक उत्पाद का बेहतरीन तरीके से प्रचार करना होगा। जनता समझ चुकी है कि जैविक उत्पाद ही सबसे बेहतर हैं। क्योंकि रसायनिक खाद से तैयार पैदावार सेहत के लिए हानिकारक है। इसलिए किसानों को पुरानी मानसिकता बदलनी होगी और जैविक खेती पर ध्यान देना होगा, क्योंकि इस उत्पाद के हर कोई अच्छे दाम देने के लिए तैयार है। इससे खेती में होने वाले खर्चे भी घटेंगे।
भद्रवाह, किश्तवाड़ व सुचेतगढ़ बनेगे क्लस्टर विलेज
कृषि मंत्री गुलाम नबी लोन हंजूरा ने कहा कि जैविक खेती में डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़, रामबन, सुचतगढ़ को क्लस्टर विलेज बनाया जाएगा। इसे पर्यटकों से जोड़ा जाएगा, ताकि यहां के पारंपरिक उत्पाद की बिक्री बढ़ सके। उन्होंने कश्मीर में होने वाले मुशकबुद्जी उत्पाद की मार्केटिंग का उदाहरण दिया और कहा कि तजुर्बा कामयाब रहा।
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सेमीनार में जम्मू कश्मीर किसान सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन दलजीत सिंह चिब, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा, अपीडा के सीनियर वैज्ञानिक रितेश शर्मा भी उपस्थित थे।