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लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने वालों को समर्थन : लब्बाराम

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी समाज की बैठक में सरकार व वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजियो

By Edited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 08:05 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 08:05 PM (IST)
लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने वालों को समर्थन : लब्बाराम
लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने वालों को समर्थन : लब्बाराम

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी समाज की बैठक में सरकार व वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजियों में होने वाली हक की जंग के लिए 21 सदस्य कमेटी का गठन किया गया। गठित कमेटी का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता लब्बा राम गाधी को सौंपा गया। उनको कमेटी का अध्यक्ष चुनने के लिए चुनावी प्रक्रिया अपनाई गई। ग्यारह साल से वह कमेटी के अध्यक्ष बने हुए हैं।

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कमेटी के अध्यक्ष लब्बा राम गांधी ने कहा कि देश को आजाद हुए 70 साल बीतने वाले हैं, लेकिन आजाद देश के वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी परिवार आज भी गुलामी की जंजीरो में बंधे हुए हैं। अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को कश्मीरी हुकमरानों की गुलामी सहनी पड़ रही है। वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को राज्य सरकार अपना स्थायी नागरिक स्वीकार नहीं करती। ऐसे बीस हजार वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी परिवार हैं जो पिछले ग्यारह सालों से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन उनकी यह हक की लड़ाई कब खत्म होगी, यह कहना अभी मुश्किल हैं। हालाकि, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से रिफ्यूजी परिवारों को कुछ राहत मिलने की आस जरूर बंधी है। वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों के हक की लड़ाई वर्ष 2006 में शुरू हुई थी। इस हक की लड़ाई के लिए प्लावाला से लेकर कठुआ पठानकोट तक हर तरफ आवाज बुलंद हुई। खासतौर पर भारत-पाक विभाजन के बाद जो बीस हजार परिवारों की नैया बीच भंवर में फंसी रही, उन्होंने इस लड़ाई को लड़ने के लिए अपनी हुंकार भरी।

वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष लब्बा राम गाधी के अनुसार पिछले 70 सालों से आजाद देश के गुलाम लोगों को अब आजादी दिलाने से कोई नहीं रोक पाएगा। उन्होंने कहा कि जो सरकार उनकी हक की लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाएगी, उसी सरकार को रिफ्यूजियों का समर्थन मिलेगा।


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