फारूक बोले, हुर्रियत पर दिए बयान के लिए क्यों मांगें माफी
राज्य ब्यूरो, जम्मू : हुर्रियत पर दिए विवादास्पद बयान के बाद वीरवार को जम्मू पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्र
राज्य ब्यूरो, जम्मू : हुर्रियत पर दिए विवादास्पद बयान के बाद वीरवार को जम्मू पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री के तेवर पहले की तरह कड़क थे। उनका कहना था कि हुर्रियत पर दिए बयान के लिए वह माफी क्यों मांगे। कश्मीर के लोग इसलिए एकजुट हैं क्योंकि वह इस समस्या का निर्णायक हल चाहते हैं।
जम्मू में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने सभी से प्रश्न करते हुए कहा कि क्या आप सभी कश्मीर समस्या का समाधान नहीं चाहते। क्या हर समय सीमा पर गोलाबारी ही चाहते हो। दोनों तरफ कश्मीर के निवासी हैं जोकि गोलाबारी में मर रहे हैं। क्या आप इसी तरह से मासूमों को मरते हुए देखना चाहते हैं। कश्मीर के लोग समस्या के स्थायी समाधान के लिए एकजुट हैं। डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार को जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों सहित सभी से बातचीत करनी चाहिए। पाकिस्तान के साथ बातचीत के बगैर किस तरह से समस्या का समाधान संभव है। जब पाकिस्तान के साथ बातचीत की बात करते हैं तो वह देश द्रोही हो गए। केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि क्या भाजपा-पीडीपी के एजेंडा ऑफ एलायंस में सभी पक्षों से बातचीत की बात नहीं कही गई है। वह भी हुर्रियत से बातचीत के पक्षधर हैं? ऐसे में फिर उन्हें ही क्यों दोष दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर पलटवार करते हुए कहा कि वह कहती हैं कि कश्मीर के हालात के लिए नेकां जिम्मेदार है, वह यह बताएं कि नेकां का कौन सा कार्यकर्ता कश्मीर में पत्थर मार रहा है। गौरतलब है कि सोमवार को डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने यह बयान दिया था कि वह हुर्रियत के साथ काम करना चाहते हैं। उनके इस बयान की कड़ी आलोचना हुई थी। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि नेकां ने ही कश्मीर का माहौल खराब किया है।