अपनों की बेरुखी से नासूर बन रहे पाक के दिए जख्म
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : दुश्मन का काम होता है जख्म देना और अपनों का काम होता है मरहम लगाना पर जब अपन
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : दुश्मन का काम होता है जख्म देना और अपनों का काम होता है मरहम लगाना पर जब अपने ही मरहम की जगह जख्मों पर नमक छिड़कें तो जख्म भरते नहीं, बल्कि कभी न भरने वाले नासूर बन जाते हैं। यह कहना है पाकिस्तानी गोलीबारी में घायल हुए गांव पिंडी चाढ़कां के बोध राज व बाकी घायलों का।
पिछले महीने पाकिस्तानी गोलाबारी के दौरान एक मोर्टार शेल पिंडी चाढ़कां में आ गिरा था, जिसकी चपेट में आने से गांव के तीन लोग घायल हो गए थे। यह घायल हैं बोध राज, दर्शना देवी व चंचला देवी। घायल बोध राज ने बताया कि इस दौरान सरकार के मंत्रियों व स्थानीय विधायक ने मीडिया के सामने बड़े-बड़े बयान दर्ज करवाए कि सभी घायलों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। सभी दवाइयां फ्री दी जाएंगी वगैरह वगैरह। पर सच यह है कि साहब उसके बाद कोई पूछने तक नहीं आया। हमने अपनी सारी जमा पूंजी अपने इलाज में लगा दी। सरकार व विधायक सिर्फ हवाई दावे करते हैं उनकी बातों में कोई सच्चाई नहीं है। वहीं, दर्शना देवी व चंचला देवी ने कहा कि अभी भी पाक मोर्टार शेल के छर्रे हमारे जिस्म में हैं, जिसका ऑपरेशन होना है पर सरकार के सारे दावे खोखले हैं। हमने इलाज के लिए अपनी फसल तक बेच दी है पर इलाज इतना महंगा है कि उसका खर्चा उठाना मुश्किल हो गया है। इतना दर्द पाकिस्तानी गोलियों के जख्मों से नहीं होता जितना सरकार द्वारा घायलों की अनदेखी से होता है। साहब हम किसान गरीब लोग हैं कैसे यह खर्चा उठाएंगे।