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भारत की प्राचीन पद्वति को आधुनिक बनाएंगे

राज्य ब्यूरो, जम्मू : केंद्रीय मंत्री और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के उपप्रधान डॉ.

By Edited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 02:32 AM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 02:32 AM (IST)
भारत की प्राचीन पद्वति को आधुनिक बनाएंगे

राज्य ब्यूरो, जम्मू : केंद्रीय मंत्री और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के उपप्रधान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत की प्राचीन पद्वति को विश्व भर में पहचान मिली है। इसे और सुदृढ़ करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से आधुनिक बनाकर कैसे पेश किया जाए, इस पर काम हो रहा है।

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वीरवार को डॉ. हर्षवर्धन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसीन में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ आयुर्वेदिक दवाइयों के यूनिट को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का यह आइआइआइएम पूरे भारत का प्रतिष्ठित संस्थान है। इसे जम्मू के ही सर डॉ. आरएन चोपड़ा ने बनाया। यह लैब सारे देश की पेरेंट लैब है। हमारा प्रयास रहेगा कि सीएसआइआर से मिलकर भारत की चिकित्सा पद्वति को और मजबूत बनाएं। इसमें इस लैब को अहम भूमिका निभानी है। किस कद्र इसे ऊंचाई तक ले जाना है, यह मोदी सरकार करके दिखाएगी।

वहीं डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस लैब के बनने से सर आनएन चोपड़ा का सपना पूरा हुआ है। उन्होंने कई दशक पहले ही राज्य की क्षमता को पहचाना था और दो दशक तक काम भी किया। 1941 में उन्होंने ड्रग रिसर्च लेबोरेटरी बनाई, जिसे सीएसआइआर ने 1957 में इसे अपने अधीन ले लिया। उन्होंने आइआइआइएम में सर आरएन चोपड़ा की प्रतिमा लगाने पर कहा कि स्वतंत्रता से पहले जो होना चाहिए था, वह आज हो रहा है। रामनाथ चोपड़ा धरती के सुपूत्र थे, जिन्होंने विश्व भर में ख्याति हासिल की। उनकी प्रतिमा लगाने का मौका मोदी सरकार को मिला। इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को प्रेरणा मिलेगी कि इस संस्थान का राज्य के सभी लोग सहयोग करें। अभी लोगों को जानकारी भी नहीं है कि पूरे विश्व के लिए यहां क्या हो रहा है। अगर समाज इससे जुड़ता है तो इसका सभी को लाभ होगा। डायरेक्टर जनरल सीएसआइआर डॉ. गिरीश साहनी, डायरेक्टर आइआइआइएम डॉ. राम विश्वकर्मा सहित कइयों ने अपने विचार रखे। इससे पहले दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने आइआइआइएम के कई विंग में जाकर निरीक्षण भी किया।


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