पटवारखाना बना मुसाफिर खाना
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : क्षेत्र के गांव खैरी में ग्रामीण किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए पटवारखाने
संवाद सहयोगी, बिश्नाह : क्षेत्र के गांव खैरी में ग्रामीण किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए पटवारखाने में पटवारी तो नहीं बैठ पाया, अलबत्ता इस अनाथ पटवारखाने को मुसाफिरखाना बना कर रख दिया गया। छह गांवों की जनता अब भी बिश्नाह जाकर धक्के खाने को मजबूर है और पटवारी के बैठने के लिए बनाए गए कार्यालय में समुदाय विशेष का कब्जा है। ग्रामीण पंच चितंबर सिंह, पंच राजकुमार ने बताया कि लगभग 15 वर्ष पहले गांव खैरी में पटवारखाना बनाया गया था, पर बिश्नाह से पांच किलोमीटर दूर गांव खैरी तक का सफर तय करने में पटवारी को 15 वर्ष कम पड़ गए और पटवारियों की जगह किसी समुदाय विशेष का आशियाना बन गया। अगर यहां पटवारी बैठे तो खैरी पंचायत के छह गांवों के किसानों को राहत मिलेगी, पर अभी तक प्रशासन ऐसा करता नहीं दिख रहा है। वहीं जोगेंद्र कुमार, मिलखी राम ने कहा कि पटवारखाने में एक समुदाय विशेष का कब्जा है। यहां पटवारी बैठना चाहिए, ताकि किसानों का पैसा व समय बच सके व सरकारी इमारत सुरक्षित रह सके।
वहीं नायब तहसीलदार अमित उपाध्याय ने कहा कि डीसी के आदेशानुसार पटवारी गांव में जाता है, पर एक पटवारी के पास कई पटवारें हैं, इसलिए हफ्ते में एक-दो दिन के लिए पटवारी जरूर पटवारखाने में बैठेंगे।