सामुदायिक भवन में साधुओं का डेरा
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : पंचायत लगवाल के लोगों को सेना की 14 सिख रेजिमेंट ने वर्ष 2002-03 में सद्भावना
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : पंचायत लगवाल के लोगों को सेना की 14 सिख रेजिमेंट ने वर्ष 2002-03 में सद्भावना के तौर पर सामुदायिक भवन का तोहफा दिया था, लेकिन पंचायत प्रतिनिधि इसे संभाल नहीं पाए। आज सामुदायिक भवन का निजी तौर पर इस्तेमाल हो रहा है। एक साधु महिला अपने परिवार सहित वहां रह रही है।
जिस सामुदायिक भवन के भीतर पंचायत के लिए इस्तेमाल होने वाली कुर्सिया, टेबल तथा अलमारिया होनी चाहिए थीं, आज उस सामुदायिक भवन में चारपाइया, बिस्तर, घरेलू सामान, फ्रिज, कूलर व टीवी सजे पड़े हैं। इतना सब कुछ होने के बाबजूद पंचायत प्रतिनिधि इस साझा संपत्ति की हिफाजत करने में नाकाम हो रही है। इसके अलावा सामुदायिक भवन की जिम्मेदारी का बीड़ा उठाने वाले ब्लॉक विकास विभाग को भी इस बात की कोई परवाह नजर नहीं आ रही। हर समुदाय के इस्तेमाल में लाई जाने वाली इस साझा संपत्ति के हो रहे निजी इस्तेमाल का लोगों ने ऐतराज भी जताया। इस बात का रोष प्रकट करते हुए पंचायत निवासी चरन दास, जगदीश राज डोर, बलविंदर सिंह, मोहन लाल, जसवंत सिंह, सुभाष चंद्र सहित अन्य ने कहा कि वर्ष 2002-03 में सेना की 14 सिख रेजिमेंट के अधिकारियों के समक्ष पंचायत लगवाल के गणमान्य लोगों ने सामुदायिक भवन की माग की थी। पंचायत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल बाबा लक्षमण जती दरगाह कमोर में हर साल होने वाले दंगल तथा मेले के दौरान सैकड़ों पहलवानों के रहने का कोई ठिकाना नहीं था। इस बात को ध्यान में रखकर यह माग रखी गई कि सेना आपरेशन सद्भावना के तहत पंचायत लगवाल को सामुदायिक भवन दे। सेना के अधिकारियों ने लोगों की माग को पूरा किया और तत्कालीन ब्रिगेडियर सुबोध कौल सीडीआर 92 इंफेंट्री ब्रिगेड की ओर से वित्तीय वर्ष 2003 शुरू होने के साथ ही उन्होंने बनाए गए सामुदायिक भवन को पंचायत के सुपुर्त किया। मगर आज उस सामुदायिक भवन के हो रहे निजी इस्तेमाल से लोग निराश हैं। उन्होने कहा कि पब्लिक प्रापर्टी को कब्जा मुक्तबनाया जाए। चाहे पंचायत प्रतिनिधि इस बात पर गौर करें, या फिर ब्लाक विकास विभाग अपना फर्ज पहचाने। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोगों को मजबूरी में कानून को अपने हाथों में लेना पड़ेगा।
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क्या कहते हैं पंचायत प्रमुख
पंचायत प्रमुख चौधरी प्रेम पाल ने सामुदायिक भवन पर कब्जे के लिए ब्लॉक विकास विभाग को दोषी करार दिया। उन्होंने कहा कि सामुदायिक भवन इमारत पर हुए अवैध कब्जे की बीडीओ को लिखित शिकायत भी की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी रामगढ़ को अलग ब्लॉक का दर्जा मिला है, तो वह अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए स्थानीय अधिकारी को भी लिखित अर्जी देकर सामुदायिक भवन को अतिक्रमणमुक्त बनाने की अपील करेंगे।
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