कम होती जा रही झिड़ी मेले में रौनक
जागरण संवाददाता, जम्मू : दस दिन तक चलने वाले झिड़ी मेले में पांच दिनों में भी रौनक कम होती नजर आ रही
जागरण संवाददाता, जम्मू : दस दिन तक चलने वाले झिड़ी मेले में पांच दिनों में भी रौनक कम होती नजर आ रही है। अन्य राज्यों से आए श्रद्धालुओं के लौटने के बाद अब स्थानीय लोग मेले में तो पहुंच रहे हैं परंतु वे खान-पान और खरीदारी में अधिक रूचि दिखा रहे हैं। शुक्रवार को बाबा दरबार में हाजिरी देने के बाद बचेखुचे बाहरी राज्यों के श्रद्धालु भी अपने घरों को लौट गए। श्रद्धालुओं के लौटने के बाद मेले में सुनसानी छा गई। शाम के समय आसपास के गांवों से लोगों का मेले में आना शुरू हुआ। इनमें भी अधिकतर युवा शामिल हैं, जो खान-पान का आनंद ले रहे हैं।
मुकेरियों से मेले में हलवाई की दुकान लगाने के लिए आए दुकानदार मुकेश ने बताया कि मेले में दिन-ब-दिन लोगों की संख्या कम होती जा रही है। बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालुओं के कार्तिक पूर्णिमा के बाद वापिस चले जाने के बाद स्थानीय लोगों का मेले में आना एक-दो दिन ही रहता है। दोपहर तक खाली बैठने के बाद शाम के समय ही आसपास के गांवों से लोग मेले में आते हैं। झूलों की मांग भी इतनी अधिक नहीं है हालांकि सर्कस में चार कारों के साथ चार मोटर साइकिलों पर कलाकारों के करतब लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वहीं विभिन्न सरकारी विभागों कृषि, बागवानी आदि विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शियों में भी किसान जानकारी हासिल करने के लिए पहुंच रहे हैं। सप्ताह भर से जारी झिड़ी मेला 2 दिसंबर को संपन्न होगा।
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छोटे दुकानदारों ने समेटी दुकानें
जम्मू : पांच दिनों के भीतर ही मेले में लोगों की संख्या कम होते देख छोटे दुकानदारों ने अपनी दुकानें समेटना शुरू कर दी है। शुक्रवार को बाहरी राज्यों के साथ काफी संख्या में छोटे दुकानदार भी अपनी दुकानें बंद कर आगे की ओर प्रस्थान कर गए। राजस्थान से आकर्षक मूर्तियां लेकर अपने परिवार के साथ आए गजनू ने बताया कि इस बार मेले में खासी बिक्री नहीं हुई है। ऊपर से दुकानों का अधिक किराया उन्हें भारी पड़ रहा है। यही वजह है कि उन्होंने यहां से आने का मन बनाया है। मेले में अब बड़े-बड़े दुकानदार ही रह गए हैं जिन्होंने श्रृंगार, सजावट या फिर खिलौने आदि का सामान रखा है। शाम को ही सही पर उनकी बिक्री अच्छी हो रही है।