मुआवजा नहीं, किसानों से था मजाक
जागरण संवाददाता, जम्मू : पिछले साल सितंबर माह में आई बाढ़ से निक्की तवी क्षेत्र के किसानों की सैक
जागरण संवाददाता, जम्मू : पिछले साल सितंबर माह में आई बाढ़ से निक्की तवी क्षेत्र के किसानों की सैकड़ों कनाल फसल बर्बाद हो गई। निक्की व बड़ी तवी नदी के किनारे वाले खेतों को बाढ़ बर्बाद कर गई। बाद में हर नेता मंत्री किसानों के बीच पहुंचा और किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए आश्वस्त किया। मगर बाद में जो कुछ किसानों को मिला, किसानों ने उसे मजाक करार दिया। सौहांजना गांव के किसान रघुवीर राज की 16 कनाल भूमि में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई थी। मगर मुआवजे में जब उसे 81 रुपये का चेक मिला तो उसके पांव तले जमीन खिसक गई। हालांकि उन्होंने चेक लौटाने का भी मन बना लिया था, मगर बाद में अधिकारियों ने समझाया और कहा कि यह पहली किश्त है। दूसरी, तीसरी किश्त बड़ी होगी। मगर रघुवीर सिंह को सरकारी बाबुओं पर अब कोई यकीन नहीं। उनका कहना है कि पहली किश्त की रकम देखकर दूसरी किश्त का अंदाजा अभी से लगाया जा सकता है। इसलिए बात साफ है कि किसानों के साथ सरकार ने इंसाफ नहीं किया। निक्की तवी क्षेत्र में जिन किसानों को छोटी रकम के मुआवजा के चेक मिले थे, उसके दर्जनों उदाहरण हैं।
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आज भी बंद हैं दर्जनों घरों के द्वार
जम्मू : पिछले साल आई बाढ़ ने बेलीचराना और साथ लगते गुज्जर बस्ती को अच्छा खासा प्रभावित किया था। खासकर तवी नदी के किनारे वाले दर्जनों घर आज भी बंद पड़े हैं। बाढ़ के पानी ने घर आंगन की दीवारों को ऐसा नुकसान पहुंचाया कि कई लोग डरकर मकान ही छोड़ कर चले गए और दूसरी जगह रहने लगे हैं। एन अहमद पहले यहीं रहा करते थे। मगर बाढ़ इस तरह घर में तबाही मचाएगी, उन्होंने कभी सोचा नहीं था। इसलिए हमेशा भय रहता है कि बारिश से नदी में चढ़ा पानी कहीं फिर से बस्ती में न घुस जाए। इसके चलते उनका परिवार कहीं और रह रहा है।