पुरानी एलाइनमेंट पर ही बिछेगा रेलवे ट्रैक
दिनेश महाजन, जम्मू : कटड़ा-बनिहाल रेलवे सेक्शन के निर्माण में काम कर रहे सैकड़ों लोगों के लिए खुशखबरी
दिनेश महाजन, जम्मू : कटड़ा-बनिहाल रेलवे सेक्शन के निर्माण में काम कर रहे सैकड़ों लोगों के लिए खुशखबरी है। रेलवे बोर्ड ने इस सेक्शन का निर्माण पुरानी एलाइनमेंट के तहत करने का फैसला किया है।
कटड़ा-बनिहाल रेलवे सेक्शन के निर्माण में रियासी व उसके आसपास के क्षेत्रों में रह रहे सैकड़ों लोगों को इस सेक्शन के निर्माण से रोजगार मिला है। पुरानी एलाइनमेंट में बदलाव से लोगों को अपना भविष्य अधर में दिखाई दे रहा था।
फिरोजपुर डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) अनुज कुमार के अनुसार केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु के हाल ही में राज्य दौरे के दौरान कश्मीर में ली गई समीक्षा बैठक में कटड़ा-काजीगुंड रेल सेक्शन की एलाइनमेंट पर मंथन हुआ था। रेलवे अधिकारियों की एक टीम को ट्रैक के सर्वे के लिए कटड़ा-बनिहाल सेक्शन में भेजा गया था। सर्वे टीम के आधार पर रेलवे बोर्ड ने पुरानी एलाइनमेंट को बेहतर बताते हुए इसी पर रेलवे ट्रैक बिछाने का फैसला लिया है।
पर्वतीय श्रृंखला में बन रही कटड़ा-बनिहाल रेल सेक्शन का निर्माण कार्य 2002 में शुरू हुआ था। पुरानी एलाइनमेंट के तहत जब निर्माण कार्य शुरू हुआ तो पटरी बिछाने व पुलों के निर्माण में लगातार परेशानियां आ रही थी। हालत यह हो गई कि कई टनल व पुलों का काम रोकना पड़ गया। इस वर्ष फरवरी में रेल मंत्रालय ने श्रीधरण की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम को कटड़ा-बनिहाल रेलवे ट्रैक का जायजा लेने के लिए भेजा था। कमेटी के सदस्यों ने पुरानी एलाइनमेंट के स्थान पर सरल व सीधी रेल पटरी बिछाने की वकालत की थी।
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पुरानी एलाइनमेंट व श्रीधरण कमेटी की सिफारिशें
जम्मू : कटड़ा-काजीगुड रेलवे सेक्शन की पुरानी एलाइनमेंट के तहत ट्रैक की लंबाई 126 किलोमीटर से घट कर 67 किलोमीटर रह जाती है। सेक्शन में 64 टनल हैं, जबकि श्रीधरण कमेटी की रिपोर्ट में मात्र आठ ही टनल रह जाती है। पुराने एलाइनमेंट में बड़े पुलों की संख्या 96 है, जबकि श्रीधरण कमेटी के तहत मात्र सात ही टनल थी। चिनाब दरिया पर बन रहे विश्व के सबसे ऊंचा रेलवे पुल 359 मीटर है, जबकि श्रीधरण कमेटी रिपोर्ट में इस पुल को ऊंचाई घटा कर 160 मीटर कर दी गई थी।
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ट्रैक का 83 फीसदी हिस्सा टनल से गुजरता है
जम्मू : कटड़ा-बनिहाल रेलवे सेक्शन की पुरानी एलाइनमेंट के तहत 83 फीसद हिस्सा सुरगों में बना है, जिसमें बनिहाल के पास बन रही 11 किलोमीटर लंबी रेलवे टनल शामिल है, जो देश की सबसे लंबी टनल होगी। इस चरण में सलाल से काजीगुंड तक के भाग में आबादी न के बराबर है। सेक्शन के सुरुकोट में सड़क मार्ग न होने से भारतीय रेलवे ने वायु सेना के मिग हेलीकाप्टरों से ट्रैक व सड़क निर्माण के लिए मशीनरी भेजी थी। कटड़ा-काजीगुंड सेक्शन में चिनाब दरिया पर विश्व का सबसे उंचा रेलवे पुल बनाया जा रहा है। इस सेक्शन के निर्माण में रेलवे ने अब तक हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।