एम्स के लिए जम्मू संपूर्ण बंद
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू में अलग एम्स की मांग को लेकर घोषित 72 घंटे की हड़ताल के पहले दिन शुक्र
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू में अलग एम्स की मांग को लेकर घोषित 72 घंटे की हड़ताल के पहले दिन शुक्रवार को हर तरफ बंद का पूरा असर दिखाई दिया। शहर व आसपास के इलाकों में दुकानें बंद रही और यात्री वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे। एम्स पर केंद्र की घोषणा को धोखा करार देते हुए कोआर्डिनेशन कमेटी (एसीसी) ने तीन दिन के जम्मू बंद का आह्वान किया है। बंद को सफल बनाने के लिए एसीसी के सदस्यों ने दिनभर शहर व आसपास के इलाकों में विरोध रैलियां निकाली। कुछ जगह एसीसी समर्थकों ने वाहनों व दुकानों में तोड़फोड़ की और तवी पुल भी जाम रखा। बंद के दौरान कच्ची छावनी स्थित भाजपा मुख्यालय के बाहर एम्स कोआर्डिनेशन कमेटी व भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। नौबत पथराव की आई और पुलिस को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसूगैस के गोले दागने पड़े। इससे शहर में कुछ देर के लिए स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। इसके अलावा कांग्रेस, नेकां व पैंथर्स पार्टी ने भी सरकार विरोधी प्रदर्शन किए। वहीं पुलिस ने शहर में तोड़फोड़ करने पर एसीसी के कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले भी दर्ज किए हैं। उधर, लोगों के रोष को भांपते हुए सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्री लाल सिंह व अन्य भाजपा विधायकों ने पत्रकारवार्ता कर एम्स जैसी सुविधाएं मिलने की बात दोहराई, लेकिन एसीसी ने इसे छलावा करार देते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही।
भाजपा-एसीसी कार्यकर्ता भिड़े :
जैसी आशंका थी वहीं हुआ। एम्स के मुद्दे पर आमने-आमने आए भाजपा और एम्स कोआर्डिनेशन कमेटी (एसीसी) के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। बंद के दौरान गाड़ियों पर सवार एसीसी कार्यकर्ताओं ने कच्ची छावनी स्थित भाजपा मुख्यालय के बाहर पहुंचकर भाजपा विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी। इन कार्यकर्ताओं ने मुख्यालय के बाहर लगे भाजपा के पोस्टर भी फाड़े। इसपर पार्टी मुख्यालय में बैठे भाजपा कार्यकर्ता बाहर आ गए और दोनों गुट आमने-सामने हो गए। दोनों तरफ से तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने दोनों गुटों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन इस बीच कुछ लोगों ने भाजपा मुख्यालय पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे स्थिति बिगड़ गई। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को अश्रुगैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को मुख्यालय के भीतर समेटते हुए मुख्यालय की ओर आने वाले रास्तों पर तारबंदी कर दी, लेकिन दूसरी तरफ से एसीसी समर्थकों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने करीब एक दर्जन अश्रु गैस के गोले दागे। लगभग आधा घंटा क्षेत्र में पथराव हुआ। बाद में एसीसी के चेयरमैन अभिनव शर्मा समेत अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे और उनके हस्तक्षेप पर क्षेत्र से तारबंदी हटाई गई।
हर जगह दिखा बदं का असर :
बंद को सफल बनाने के लिए कमेटी को हालांकि कोई खास मशक्कत भी नहीं करनी पड़ी और लोगों ने स्वेच्छा से अपने व्यवसाय बंद रखे। बंद को ट्रांसपोर्टरों का पूर्ण समर्थन प्राप्त था, लिहाजा यात्री वाहन न चलने से शहर की सड़कें वीरान रही। पुराने शहर के अलावा साथ लगते इलाकों में भी बंद काफी हद तक सफल रहा। जानीपुर, सरवाल, रिहाड़ी, बख्शी नगर, तालाब तिल्लो, रूपनगर, बनतालाब, केरन तथा जम्मू दक्षिण की पाश कॉलोनियों, गांधी नगर, शास्त्री नगर, नानक नगर, त्रिकुटा नगर, ग्रेटर कैलाश, सैनिक कॉलोनी व गंग्याल-डिग्याना तक इस बंद का असर दिखा। देर शाम तक कमेटी के सदस्य शहर व साथ लगते इलाकों में रैलियां निकालते देखे गए।
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