इंद्रजीत के निबंध संग्रह 'सोच तरंगां' का विमोचन
जागरण संवाददाता, जम्मू : वरिष्ठ साहित्यकार इंद्रजीत केसर के निबंध संग्रह 'सोच तरंगां' का विमोचन राष्
जागरण संवाददाता, जम्मू : वरिष्ठ साहित्यकार इंद्रजीत केसर के निबंध संग्रह 'सोच तरंगां' का विमोचन राष्ट्र भाषा प्रचार समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में किया। यह इंद्रजीत केसर की 17वीं पुस्तक है। इससे पहले उनके नौ कविता संग्रह, एक भेंट संग्रह, पांच उपन्यास और कहानी संग्रह का प्रकाशन हो चुका है। उनका पहला कविता संग्रह 'फुल्ल खिड़दे रेह्' का प्रकाशन वर्ष 1998 में हुआ था। हर वर्ष उन्होंने साहित्य जगत को एक पुस्तक दी है। पुस्तक का विमोचन कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के अतिरिक्त सचिव डॉ. अरविंद्र सिंह अमन, समिति के संरक्षक प्रो. सत्यपाल श्रीवत्स, प्रो. राज कुमार, समिति की अध्यक्ष नीरू शर्मा ने सामूहिक रूप से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. अरविंद सिंह अमन ने कहा कि लगातार 17 वर्षो में 17 पुस्तकें लिखकर केसर ने राज्य के साहित्य को समृद्ध किया है। केसर का साहित्य दिल को छूने वाला है। इसमें भावनाओं, संवेदनाओं और नैतिक मूल्यों का मिश्रण प्रभावित करने वाला। साहित्य विज्ञान और विकास से आगे है। केसर के निबंध आज की जीवनशैली से जुडे़ हुए हैं। खासकर बच्चों की दशा दिशा पर उनका चिंतन आंखे खोलने वाला है। मुख्यातिथि मायर के चेयरमैन डॉ. अरुण गुप्ता ने कहा कि साहित्य जीवन जीने का आधार है। शिक्षा पद्धति में साहित्य को वह स्थान नहीं मिल रहा जिसकी जरूरत है। उन्होंने साहित्यिक गतिविधियों के लिए अपने संस्थान में गतिविधियां करवाने का निमंत्रण भी दिया। डॉ. रतन बसोत्रा ने पुस्तक पर पेपर पढ़ा। उनके समीक्षात्मक पेपर को पसंद किया गया। स्वागत भाषण में राष्ट्र भाषा प्रचार समति की अध्यक्ष नीरू शर्मा ने पुस्तक प्रकाशन के लिए बधाई देते हुए केसर के साहित्यिक सफर पर प्रकाश डाला। प्रो. सत्यपाल श्रीवत्स ने राष्ट्र भाषा प्रचार समिति के सफर पर प्रकाश डाला। मंच संचालन डॉ. भारत भूषण ने किया। आमंत्रित मेहमानों का धन्यवाद डॉ. सुनीता भड़वाल ने किया।