बेटी बचाने का संदेश दिया
जागरण संवाददाता, जम्मू : भारतीय लोक कला संगीत संस्थान के कलाकारों ने 'बेटी दो घरों का चिराग है' का म
जागरण संवाददाता, जम्मू : भारतीय लोक कला संगीत संस्थान के कलाकारों ने 'बेटी दो घरों का चिराग है' का मंचन यूनियन कल्चरल ट्रुप तथा एकसाथ रंगमंडल के कलाकारों के साथ मिल कर किया। संगीतमय नाटक का लेखन संस्थान के चैयरमैन एमएल डोगरा ने किया। नाटक की कहानी में दो परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती है जहां छोटी ही उम्र में बेटी की शादी कर दी जाती है। कलाकारों ने गीतों के माध्यम से बेटी बचाने का संदेश दिया। कलाकारों में बेटी को बचाने का महत्व दर्शाते हुए कई गीत प्रस्तुत किए हैं जिनमें 'मुझे मत मारों, मैं बुढ़ापे में आपका सहारा बनूंगी' बेईमान लोक कैसी धियां मारदे' ' सुन-सुन सहेली मेरी सुन' क्या पीड़ कहुं अपने मन की जैसे गीतों के माध्यम से समाज में बेटियों के महत्व का संदेश दिया। नाटक में राजू वाजगल ने अपने गायन से सबको प्रभावित किया। कलाकारों ने उषा हांडु, राजू बाजगल, स्वतंत्र सिंह, रजनी गुप्ता, भूमिका चिब, राजवीर शर्मा, अनतिका शर्मा, तेज प्रताप, एल धानिका, चाहत चडडा,प्राणवी खजूरिया व आयुश भट्ट शामिल है।
हर शनिवार को मंचित किया जाने वाला यह 47 वां नाटक है जिसमें भारतीय लोक कला संगीत संस्थान के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।