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बिखर न जाएं अमूल्य धरोहर के पन्ने

कंचन शर्मा, जम्मू : विश्व स्तर की राजनीति, दर्शन, धर्म, कर्मकांड का खजाना समाए दर्जनों अमूल्य पांड

By Edited By: Published: Fri, 24 Apr 2015 01:56 AM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2015 01:56 AM (IST)
बिखर न जाएं अमूल्य धरोहर के पन्ने

कंचन शर्मा, जम्मू :

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विश्व स्तर की राजनीति, दर्शन, धर्म, कर्मकांड का खजाना समाए दर्जनों अमूल्य पांडुलिपियां अपना अस्तित्व खोने के कगार पर हैं। इतिहास के कई रहस्यों को खुद में समेटे अमूल्य पांडुलिपियों का उचित संरक्षण व रखरखाव न होने के कारण युवा पीढ़ी के लिए इनका अस्तित्व मात्र दर्शनीय रह गया है। जम्मू शहर की एतिहासिक रणवीर लाइब्रेरी में शोधकर्ताओं के काम आने वाली असंख्य पांडुलिपियों के पन्नों को पढ़ पाना अब मुश्किल हो रहा है।

विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में रणवीर लाइब्रेरी में करीब सौ एतिहासिक पांडुलिपियों को बुद्धिजीवियों और युवाओं के लिए प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शित पांडुलिपियों में सबसे पुरानी विश्व स्तर की बौद्ध धर्म की कर्मकांड और तिब्बत के धार्मिक रीति रिवाजों को दर्शाती करीब तीन सौ भोजपत्रों पर लिखी पांडुलिपियां अमूल्य निधि होने के बावजूद मिटने के कगार पर हैं। भोजपत्रों पर स्थानीय भाषा में लिखी गई पांडुलिपियां डोगरा शासकों के शासनकाल की ही उपलब्धि मानी जाती हैं, लेकिन अमूल्य खजाने को सहेजने के विशेष प्रबंध न के बराबर हैं।

प्रदर्शनी में प्रदर्शित कल्हण की राजतरंगिनी का संस्कृत में लिखे असल दस्तावेज के पन्ने जगह-जगह से कट गए हैं। कुछ को तो पोलिथिन के लिफाफों में बंद कर सहेजने की कोशिश की गई है, लेकिन बहुत से पन्ने टूट चुके हैं, जिन्हें सहेजने का प्रयास लाइब्रेरी विभाग की ओर से नहीं किया गया है। अन्य प्रदर्शित एतिहासिक पांडुलिपियों में डोगरा शासकों के जीवन को दर्शाती अमूल्य चित्रों सहित पुस्तकें, चित्राल का अभियान, स्वर्ण चित्रकारी के साथ चित्रित विश्व स्तर का शब्दकोष, स्वतंत्रता संग्राम की सचित्र कहानी बयान करती पुस्तक, ¨हदी के कई अमूल्य भक्तमल, वृतरत्नावली चंद्रिका, पृथ्वी राज रासो, चार सौ वर्ष पुरानी ब्रज विलास जिसमें राधा-कृष्ण के पावन प्रेम की कथाएं हैं। फारसी में लिखी कई पांडुलिपियों को भी प्रदर्शित किया गया है, जिसमें सउदी अरब के इतिहास की जानकारी भी मिलती है। अफसोसजनक यह है कि पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए विभाग के पास टीम ही नहीं है।

पांडुलिपियों को हैरानी से देखने वाली युवा पीढ़ी को उम्मीद है कि सरकार इतिहास के पन्नों को बिखरने से बचाएगी। लाइब्रेरी सांइसेज में शिक्षा ग्रहण कर रही पूनम के लिए अमूल्य पांडुलिपियों को देख पाना ही एक अविस्मरणीय अनुभव है।

लाइब्रेरी एवं रिसर्च विभाग के जम्मू प्रात के डिप्टी डायरेक्टर ओम प्रकाश का कहना है कि विभाग ने बहुत सी पांडुलिपियों को डिजिटल करने की कोशिश की है। वहीं विभाग के महानिदेशक एसए लहर ने भी पांडुलिपियों के संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली में विशेषज्ञों की टीम से संपर्क किया है। जल्द ही पांडुलिपियों के संरक्षण के प्रयास पूरे किए जाएंगे।

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