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बेटियों को शिक्षित करने वाले स्कूल होंगे पुरस्कृत

राज्य ब्यूरो, जम्मू : लिंगानुपात में सबसे अधिक पिछड़ रहे जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में 'बेटी बचाओ, ब

By Edited By: Published: Sun, 25 Jan 2015 01:09 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jan 2015 01:09 AM (IST)
बेटियों को शिक्षित करने वाले स्कूल होंगे पुरस्कृत

राज्य ब्यूरो, जम्मू : लिंगानुपात में सबसे अधिक पिछड़ रहे जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने वाले सरकारी स्कूलों को पुरस्कृत करने के लिए विशेष फंड भी होगा।

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राज्य में जम्मू, कठुआ, पुलवामा, बडगाम और अनंतनाग जिलों को इस योजना में शामिल किया गया है, जहां पर छह वर्ष आयु वर्ग में लिंगानुपात 795 से 841 के बीच है। इन जिलों में लिंगानुपात में सुधार के लिए जहां विशेष कदम उठाने के लिए कहा गया है, वहीं इन जिलों में शत-फीसद बेटियों को शिक्षा हासिल हो, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

इन जिलों में बेटियों में साक्षरता दर भी बहुत कम है। जम्मू जिले में जहां 77.41 फीसद महिलाएं शिक्षित हैं तो कठुआ जिले में 64.56, बडगाम में 46.40, पुलवामा में 53.81 और अनंतनाग में 54.15 फीसद महिलाएं शिक्षित हैं। इस कार्यक्रम के तहत अब शिक्षा को बढ़ावा देने वाले स्कूलों को पुरस्कृत किया जाएगा। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पांच लाख रुपये अलग से केंद्र देगा। इसमें पांच स्कूलों को एक-एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। एक पुरस्कार उस प्राइमरी स्कूल को दिया जाएगा, जो अपने आसपास की सभी बेटियों को स्कूल में दाखिला दिलाता है और उन बेटियों को अगले वर्ष भी स्कूल छोड़ने नहीं देता।

इसी तरह एक पुरस्कार उस प्राइमरी स्कूल को दिया जाएगा, जो पांचवीं कक्षा की सभी बेटियों को साथ स्थित दूसरे स्कूल में छठी कक्षा में दाखिला दिलवाता है। दो पुरस्कार उन अपर प्राइमरी स्कूलों को दिए जाएंगे, जो आठवीं कक्षा की सभी छात्राओं को नौवीं कक्षा में भर्ती करवाता है। पुरस्कार केवल सरकारी स्कूलों को दिए जाएंगे और इसमें एक-एक लाख रुपये स्कूल प्रबंधन कमेटी को दिए जाएंगे।

पुरस्कार संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नर देंगे। अगर एक पुरस्कार के लिए एक से अधिक स्कूल दावेदार मिलते हैं तो इसके लिए अलग से भी मापदंड होंगे। इससे उम्मीद है कि बेटियों की साक्षरता दर में बढ़ोतरी होगी और साक्षरता बढ़ने से कन्या भ्रूण हत्या भी कम होगी। यह इनाम की राशि स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने पर खर्च होगी।

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राज्य गंभीरता से कर रहा काम

मिशन निदेशक नेशनल हेल्थ मिशन डॉ. यशपाल शर्मा का कहना है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान पर राज्य गंभीरता से काम कर रहा है। इससे बेटियों की शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने पहले से ही स्कूलों को पत्र लिखे हैं।

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कन्या भ्रूण हत्या पर रोक जरूरी

बढ़ती जनसंख्या असंतुलन का मुख्य कारण है भ्रूण हत्या। बेटी नहीं होगी तो वंश कैसे चलेगा। बेटी की जन्म से पहले या जन्म के बाद हत्या एक अपराध है। ऐसा करने वालों को कड़ी सजा देनी चाहिए, जिससे सभी को सबक मिल सके। बेटियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना। बेटी को जन्म देने वाली भी स्त्री है और उसे मौत के घाट उतारने वाली भी स्त्री है। लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे।


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