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सूर्यपुत्री के जख्मों पर मरहम

जागरण संवाददाता, जम्मू : बेबसी के आंसू रो रही सूर्यपुत्री तवी नदी के नासूर बन चुके जख्मों पर सरकारी

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 03:12 AM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 02:18 AM (IST)
सूर्यपुत्री के जख्मों पर मरहम

जागरण संवाददाता, जम्मू : बेबसी के आंसू रो रही सूर्यपुत्री तवी नदी के नासूर बन चुके जख्मों पर सरकारी औपचारिकता की मरहम लगाई जा रही है। सिंचाई विभाग ने बाढ़ में बहे तवी के चुनिंदा किनारों पर ही मरम्मत कार्य शुरू किए हैं। जबकि हकीकत यह है कि कई जगहों पर तवी किनारों को नुकसान पहुंचा है। इससे लगता है कि विभाग सिर्फ औपचारिकता ही निभा रहा है।

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सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने प्रेम नगर, जोगी गेट तक बने तवी नदी पार्क के बरसात में बहे किनारे को पक्का करने का कार्य जोरशोर से शुरू कर दिया है। इसके अलावा चौथे पुल के नजदीक भी तवी किनारों पर क्रेट डालकर लीपापोती शुरू कर दी गई है। यहां यह बताना गैर मुनासिब नहीं होगा कि हरि सिंह पार्क के किनारों को दो साल पहले तवी नदी में आई बाढ़ अपने साथ बहा ले गई थी। इस साल सितंबर माह में भी तवी नदी ने तबाही मचाई। निक्की तवी के किनारों को तोड़कर काफी नुकसान पहुंचाया। अब आलम यह है कि सिद्धड़ा पुल से नीचे की तरफ हरि की पौढ़ी मंदिर के नजदीक तक और फिर गुज्जर नगर पुल से भगवती नगर पुल तक के किनारों को क्षति पहुंची है। इससे कृत्रिम झील का प्रोजेक्ट भी प्रभावित हुआ है। अब सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग तवी नदी के क्षतिग्रस्त हुए किनारों को ठीक करने में जुटा है। अभी भी तवी के बहुत से किनारे टूटे हुए हैं और फिलहाल तीन स्थानों पर कार्य जारी है।

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अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही तवी

सूर्यपुत्री तवी नदी के संरक्षण को लेकर कोई विशेष योजना नहीं होने का नतीजा है कि हर साल यह प्रदूषित होती जा रही है। शहर के चौदह बड़े नाले इसमें गिर रहे हैं तो शहर से निकलने वाली गंदगी को भी इसी के किनारे ठिकाने लगाया जा रहा है। जगह-जगह अतिक्रमण इसके स्वरूप को बिगाड़ रहा है। सिकुड़ते किनारे और प्रदूषित होती तवी का अस्तित्व किसी बड़ी परियोजना के इंतजार में हैं। कृत्रिम झील बनने पर राहत की उम्मीद है।

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क्या कहते हैं अधिकारी

'सितंबर में आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए तवी के किनारों की मरम्मत का कार्य तीन स्थानों पर जोरशोर से जारी है। विभाग कोशिश कर रहा है कि तवी के सभी किनारों को जल्द ठीक कर लिया जाए। '

-एचसी जेरथ, चीफ इंजीनियर, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग।


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