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केंद्र को भेजा जीएमसी को अपग्रेड करने का प्रोजेक्ट

रोहित जंडियाल, जम्मू लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या से राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल की इम

By Edited By: Published: Sat, 18 Oct 2014 01:03 AM (IST)Updated: Sat, 18 Oct 2014 01:03 AM (IST)
केंद्र को भेजा जीएमसी को अपग्रेड करने का प्रोजेक्ट

रोहित जंडियाल, जम्मू

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लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या से राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल की इमरजेंसी छोटी पड़ने लगी है। इमरजेंसी तथा अन्य विभागों को अपग्रेड करने के लिए जीएमसी प्रशासन ने केंद्र के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को एक प्रस्ताव सौंपा है। इस समय जीएमसी की इमरजेंसी की क्षमता दो सौ बिस्तरों की है। इनमें इमरजेंसी के मेडिसीन और सर्जरी विंग के अलावा रिकवरी वार्ड, आपदा वार्ड भी शामिल हैं।

कुछ वर्षो में जिस प्रकार से जम्मू संभाग और कश्मीर से पलायन कर लोग जम्मू आए उससे दबाव बढ़ रहा है। यह मरीजों के लिए कम पड़ती जा रही है। आलम यह है कि कई मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं तो कई को जरूरी उपकरण। जीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. घनश्याम देव ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षव‌र्द्धन को जीएमसी की इमरजेंसी सहित अन्य विभागों को अपग्रेड करने के लिए एक प्रोजेक्ट सौंपा है। करीब साठ करोड़ रुपयों के इस प्रोजेक्ट में पूरे इमरजेंसी के ऑपरेशन थियेटर को नया बनाने के अलावा दो नए रिकवरी वार्ड बनाने का भी प्रस्ताव है।

प्रस्ताव में आई ऑपरेशन थियेटर को भी अपग्रेड करने को कहा गया है। इस समय इस थियेटर की हालत भी खस्ता है। यही नहीं मरीजों को सबसे अधिक परेशानी वेंटिलेटरों को लेकर आती है। इमरजेंसी में बनाए गए आइसीयू में इस समय मात्र आठ ही वेंटिलेटर हैं। एक वेंटिलेटर वीआइपी के लिए रिजर्व होता है। कई बार गंभीर रूप से बीमार या फिर हेड इंजूरी के मरीजों को वेंटिलेटर न मिल पाने के कारण वे ऐसे ही दम तोड़ने के लिए विवश हो जाते हैं। प्रस्ताव में वेंटिलेटरों की संख्या भी बढ़ाने को कहा गया है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के छात्र व छात्राओं के लिए नए होस्टल बनाने का भी प्रस्ताव है।

प्रिंसिपल डॉ. घनश्याम देव ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कुल साठ करोड़ रुपयों का प्रस्ताव भेजा है। इसमें इमरजेंसी से लेकर होस्टल तक को अपग्रेड करने को कहा गया है। उन्होंने कहा समय के साथ जीएमसी पर बहुत अधिक दबाव बढ़ा है लेकिन सुविधाओं में उतना विस्तार नहीं हुआ है। इसी को देखते हुए उन्होंने यह प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र इस प्रस्ताव को जल्दी मंजूर करेगा।


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