पानी छोड़ गया हर तरफ तबाही का मंजर
जागरण संवाददाता, जम्मू : त्रासदी बनकर बरसा बाढ़ का पानी तवी टापू पर बसे सैकड़ों गांवों में तबाही का मंजर छोड़ गया। चार दिनों से शेष जम्मू से कटे इन गांवों में राहत की पहली किरण पहुंची। अभी भी दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। शहर से सटे फ्लायां मंडाल पुल का हिस्सा बहने से तवी टापू पर बसे 52 गांव जम्मू से कट गए थे। चौथा पुल व उसकी सड़क टूटने से बेलीचराना व कई गांव कट गए थे। उधर, परगवाल क्षेत्र में दर्जनों गांव गुमनामी के अंधेरों में खोए थे जिन्हें राहत नहीं मिली है। मौसम साफ होते ही तत्काल हरकत में आए प्रशासन ने तड़के ही राहत कार्य शुरू कर दिए। बेलीचराना व साथ लगते गांवों को सतवारी व वेयर हाऊस के साथ जोड़ा गया तो तवी टापू पर बसे फ्लायां मंडाल समेत अन्य गांवों को भगवती नगर के रास्ते जम्मू से जोड़ा गया। टापू में अंदरूनी सड़कें बह गई है जिससे कई गांवों तक पहुंचना मुश्किल है। जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से प्रभावित गांवों में खाद्य सामग्री पहुंचाई। इसके अलावा दवाइयों की खेप हेलीकॉप्टर से इन गांवों तक पहुंचाई गई। गांवों में बिजली ढांचे को दोबारा खड़ा करने व पानी की सप्लाई बहाल करने की चुनौती का सामना कर रहे प्रशासन ने रविवार को पीएचई व पीडीडी की विशेष टीमों को भी हेलीकॉप्टर की मदद से इन गांवों तक पहुंचाया। बाढ़ प्रभावित लोगों में महामारी न फैले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीमों को यहां तक पहुंचाया गया है। पानी में डालने के लिए क्लोरीन टेबलट भी गांवों तक पहुंचाई। बीमारियां फैलने की आशंका को देखते हुए गांवों में लोगों को साफ-सफाई के काम में लगा दिया गया है ताकि जमा हुए पानी की जल्द निकासी की जा सके। जम्मू के डिप्टी कमिश्नर अजीत कुमार साहू ने बताया कि सभी कटे गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ दिया गया है। कुछ आंतरिक क्षेत्रों में सड़कें बह गई है जिससे उन गांवों के लोग फिलहाल कटे हुए है। ऐसे स्थानों पर हेलीकॉप्टर से जरूरत की हर चीज पहुंचा दी गई है। इन क्षेत्रों में बिजली-पानी सुविधा बहाल करना पहली प्राथमिकता है जिसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। एक-दो दिन में हालात काबू कर लिए जाएंगे।