Move to Jagran APP

नरम हुए पाक रेंजर्स के तेवर

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 06:02 AM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 04:08 AM (IST)
नरम हुए पाक रेंजर्स के तेवर

राज्य ब्यूरो, जम्मू। करीब डेढ़ माह से भारतीय क्षेत्र पर गोलाबारी कर रहे पाकिस्तानी रेंजर्स के तेवर नरम पड़ने लगे हैं। लगातार फ्लैग मीटिंग से इन्कार करने वाले पाक रेंजर्स ने अब सीमा पर शांति बहाल रखने के लिए सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग करने की मांग की है।

loksabha election banner

बुधवार को अखनूर के परगवाल में कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग और सांबा जिले के रामगढ़ में दोनों देशों के अधिकारियों में कैज्युल संपर्क हुआ। परगवाल में शाम करीब चार बजे हुई पंद्रह मिनट की कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग में पाक रेंजर्स की 19 डैजर्ट के विंग कमांडर मुहम्मद विकार व सीसुब की 33 बटालियन के कमांडेंट बीके सिंह ने हिस्सा लिया। मीटिंग में भारत की ओर से गोलाबारी का मुद्दा उठाने पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने स्पष्ट किया कि वह इस पर सीमा सुरक्षा बल के साथ सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग करने के लिए तैयार हैं। साथ ही क्षेत्र में शांति बनाए रखने पर भी जोर दिया गया। इस पर सीसुब कमांडेंट ने कहा कि सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग के बारे में बीएसएफ मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद आपको अवगत करवा दिया जाएगा।

इससे पूर्व सांबा के रामगढ़ की बल्लड पोस्ट पर सुबह करीब पांच मिनट के कैज्युल संपर्क में भी पाकिस्तान रेंजर्स ने उच्च स्तर की फ्लैग मीटिंग करने की मांग की। यह संपर्क पोस्ट कमांडर स्तर पर हुआ। इसमें पाक रेंजर्स की 24 पंचनार के आठ जवानों व सीसुब की 126 बटालियन के पोस्ट कमांडर सहित आठ कर्मियों ने हिस्सा लिया।

जम्मू फ्रंटियर के डीआइजी धमेंद्र पारिक ने दैनिक जागरण को बताया कि कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग में आते ही पाक रेंजर्स ने उच्च स्तर की मीटिंग की पैरवी की। उन्होंने बताया कि दोनों ओर के कमांडेंटों के इलाकों में गोलाबारी नहीं हुई है, लिहाजा अन्य इलाकों में हुई गोलाबारी पर ज्यादा बात नहीं हुई।

दूसरे दिन भी शांत रही सीमा :

सीमा पर पिछले कई दिनों से गोलीबारी करने वाले पाकिस्तान ने लगातार दूसरे दिन भारतीय क्षेत्र में गोले नहीं बरसाए। बुधवार को सीमा पूरी तरह शांत रही, लेकिन खतरा बरकरार रहा। सीमांत लोगों के साथ-साथ सुरक्षाबलों को भी पाकिस्तान की नीयत पर यकीन नहीं है। इसे देखते हुए सीमा पर तैनात जवानों की निगाहें दुश्मन पर लगी रहीं। वहीं आरएसपुरा व अरनिया से पलायन कर राहत शिविरों में आए कुछ ग्रामीण भी दिन के समय अपने गांव में जरूर गए, लेकिन शाम होते ही शिविरों में लौट आए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.