अलगाववादियों की धमकियां नहीं रोक सकती यात्रा : एपीएमसीसी
जागरण संवाददाता, जम्मू : पर्यावरण की आड़ में कौसरनाग यात्रा का विरोध करने वाले अलगाववादी संगठनों की धमकियों के बावजूद भी कश्मीरी पंडित वीरवार को कौसरनाग यात्रा के लिए रवाना होंगे। बुधवार को जिला प्रशासन से बातचीत के बाद दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले के काकरन से निकलने वाली यात्रा वीरवार को निकलेगी, जिसमें दर्जन भर श्रद्धालु पहली बार कौसरनाग में भगवान विष्णु व शिव की नागपंचमी के अवसर पर पूजा-अर्चना कर समुदाय की सुखशांति के लिए दुआ करेंगे। हालांकि प्रशासन ने अभी यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी है लेकिन ऑल पार्टीज माइग्रेंट्स कोआर्डिनेशन कमेटी के नेताओं के मुताबिक यात्रा वीरवार को काकरन से निकाली जाएगी।
विदित हो कि वादी में कश्मीरी पंडितों की विरासत का संरक्षण कर रहे संगठन ऑल पार्टीज माइग्रेंट्स कोआर्डिनेशन कमेटी ने पहली बार ढाई दशकों से बंद पड़ी कौसरनाग यात्रा को दोबारा से शुरू करने का निर्णय लिया है। पर्यावरण को नुकसान की दुहाई देकर वादी के अलगाववादी संगठन यात्रा का विरोध कर रहे हैं। इस सिलसिले में संगठन के नेताओं को धमकियां भी दी गई हैं।
गौरतलब हो कि जम्मू संभाग के रियासी कस्बे से मंगलवार को पांचवी बार कौसरनाग यात्रा समिति के बैनर तले कौसरनाग छड़ी श्रद्धालुओं के साथ पूजा-अर्चना के बाद रवाना हुई है।
समिति के प्रधान के मुताबिक, रियासी से निकली छड़ी में यात्रा के दौरान रास्ते में आसपास के गांव से श्रद्धालु भी यात्रा में शामिल होंगे, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या सैकड़ों तक पहुंच सकती है।
एपीएमसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता किंग सी भारती ने अलगाववादियों के रवैये की निंदा करते हुए कहा है कि जब एक यात्रा से पर्यावरण को नुकसान नहीं हो सकता तो कश्मीरी पंडितों के दर्जन भर श्रद्धालु कैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह बात समझ से परे है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के साथ हुई बातचीत में प्रशासन का रवैया अभी सामने नहीं आया है, लेकिन संगठन के नेता यात्रा को काकरन से वीरवार को अवश्य ही निकालेंगे।