खतरे में नहर का अस्तित्व
संवाद सूत्र, मीरां साहिब : क्षेत्र में बहने वाली रणवीर नहर किनारे अवैध कब्जे बढ़ते जा रहे हैं। हालत यह है कि नहर सिकुड़ कर नाले का रूप धारण कर रही है। किसानों ने सरकार से नहर किनारे अवैध कब्जे हटाने के लिए मुहिम छेड़ने की मांग की है।
किसान सौदागर चौधरी, काकू राम, पाला राम व नसीब सिंह ने कहा कि कस्बे में मरालिया हेड से लेकर रेलवे पटरी तक नहर किनारे लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। विभाग के नियमानुसार नहर के दोनों ओर 30, 30 फुट तक कोई भी निर्माण नहीं हो सकता है। जबकि जो अवैध निर्माण हुए हैं वो मात्र कुछ ही फुट की दूरी पर हुए हैं। किसानों का कहना है कि नहर किनारे मवेशियों के पक्के शेड व श्रमिकों के रहने के लिए पक्के कमरे तक बनाए गए हैं। किसानों का कहना है कि नहर सिकुड़ती जा रही है और पानी आखिरी छोर तक नहीं मिल रहा अगर ऐसा ही रहा तो नहर का वजूद ही खत्म हो जाएगा।
इसी प्रकार किसान थोडू राम, चमन लाल व संतोख सिंह का कहना है कि पीडीपी के शासन के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री रहे मुफ्ती मुहम्मद सईद ने अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ मुहिम चलाई थी, मगर आज फिर हालात जस के तस बन गए हैं। विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर नहर किनारे अवैध कब्जे हटाने के लिए जल्द मुहिम नही छेड़ी गई तो वे सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे।