नालों पर चेक डैम बनाने की मांग
संवाद सहयोगी, सांबा : पानी की हर बूंद कीमती है, लेकिन सरकार इसके संरक्षण के प्रति गंभीर नहीं दिखती है। नदियों और नालों का पानी व्यर्थ बह रहा है।
जिला सांबा के घगवाल ब्लॉक के सीमावर्ती क्षेत्र के कई नालों का पानी व्यर्थ बह रहा है। इन नालों का पानी सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल नहीं हो पाता क्योंकि जमीनें ऊंचाई पर हैं और नाले गहरे हैं। अगर सरकार इन नालों पर छोटे-छोटे चेक डैम बनाकर पानी रोकती है तो उससे पानी को बेकार बहने से रोका जा सकता है और पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
मदून पंचायत के सरपंच दर्शन चौधरी, राजपुरा के सरपंच भारत इंदु शर्मा, सारथी के सरपंच शशी पाल, नौनाथ के सरपंच विजय टगोत्रा व मवा के सरपंच चंद्र शेखर ने बताया कि घगवाल ब्लाक के सीमावर्ती क्षेत्र में कई ऐसे नाले बहते हैं, जिनमें वर्ष भर पानी रहता है। उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में इन नालों में काफी पानी होता है, लेकिन वह सिंचाई के काम नहीं आता है। अगर सरकार इस क्षेत्र में इन नालों पर छोटे-छोटे चेक डैम बना देती है तो उससे काफी फायदा होगा। इससे किसान को सिंचाई की समस्या दूर हो जाएगी। क्षेत्र में जमीन के भीतर पानी की जलस्तर भी ऊपर आएगा। चेक डैम बनने से क्षेत्र में हरियाली होगी और वातावरण भी शुद्ध होगा। समय पर फसलों की सिंचाई न होने के कारण किसान की वर्ष भर की मेहनत पर पानी फिर जाता है। यही कारण है कि आज किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहता है।
क्षेत्र के सरपंचों ने राज्य के सिंचाई मंत्री शाम लाल शर्मा से गुहार लगाई है कि किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने व व्यर्थ बह रहे पानी की रोकथाम के लिए छोटे-छोटे चेक डैम बनाए जाने चाहिए। विदित रहे कि सॉयल कंजरवेशन विभाग के चेक डैम बनाने के लिए पैसे तो आते हैं, लेकिन उस फंड को खर्च नहीं किया जाता और यह लैप्स हो जाता है। यही कारण है कि आम जनता का पैसा जनता की भलाई पर खर्च नहीं हो पाता है।