Move to Jagran APP

महासमर..वर्षो सताएगी लोकतंत्र की स्याही नसीब न होने की कसक

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 01:01 AM (IST)
महासमर..वर्षो सताएगी लोकतंत्र की  स्याही नसीब न होने की कसक

विवेक सिंह, ऊधमपुर-डोडा

loksabha election banner

राज्य में संसदीय चुनाव के दूसरे चरण में ऊधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्रों के सैकड़ों मतदाताओं को लोकतंत्र की स्याही नसीब न होने की कसक वर्षो तकसताएगी। कठुआ जिले के ज्यादातर मतदाता सूचियों से नाम कटने के कारण मतदान केंद्रों से बैरंग लौटे। कई ने मतदान केंद्रों के बाहर प्रदर्शन भी किया।

संसदीय चुनाव तो हर पांच साल के बाद होते हैं, लेकिन इस बार बात कुछ और ही थी। चुनाव को लेकर लोगों में अत्याधिक उत्साह था, वहीं चुनाव आयोग ने भी जागरूकता अभियान चलाकर उनमें जोश भरा था। ऐसे में जब चुनाव आयोग का कार्ड लेकर मतदाता वोट डालने पहुंचे तो पता चला कि सूची से नाम गायब है। वह सन्न रह गए। जिस हीरानगर में गत माह भाजपा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की इकलौती रैली की थी, वहां भी दर्जनों मतदाताओं को वोट डालने का मौका नहीं मिला। ऐसे में हीरानगर के डिग्री कॉलेज के बाहर व क्षेत्र के सल्लन मतदान केंद्र के बाहर प्रदर्शन हुआ।

पिछले संसदीय चुनाव में वोट डालने वाले हीरानगर के अर्जुनचक्क के 28 वर्षीय धीरज शर्मा, इसी गांव की साठ वर्षीय रानो देवी, 24 वर्षीय पूजा शर्मा हीरानगर के डिग्री कॉलेज में स्थापित माडल मतदान केंद्र में वोट नहीं डाल पाई। बीएलओ की सूची में उनका नाम काट दिया गया था। लिहाजा, चुनाव आयोग का कार्ड होने के बाद भी उन्हें वापस भेज दिया गया।

उन्होंने दैनिक जागरण को बताया कि उन्होंने पूरी कोशिश की थी कि लोकतांत्रिक जिम्मेदारी को निभाएं, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली। वहीं, इन मतदाताओं के साथ अर्जुन चक्क के अन्य कई निवासियों से एक ही गांव के कई वोट काटे जाने को संदिग्ध बताया। वहीं, केंद्र के बाहर प्रदर्शन करने वालों का आरोप था कि उनके नाम जानबूझ कर काटे गए हैं।

क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र सिंह का भी यही कहना है। हीरानगर में मतदान की प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए आए भाजपा नेता ने बताया कि कठुआ व हीरानगर में तीन हजार से चार हजार के बीच वोट काटे गए हैं।

यह मामला मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमंग नरूला व रिटर्निग अधिकारी की नजर में लाने वाले डॉ. सिंह ने इसे जानबूझ कर की गई कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि कोशिश की गई है कि कुछ इलाकों में मतदान फीसद कम किया जाए।

वहीं, इस बारे में चुनाव अधिकारियों से बात करने पर उनका कहना था कि वोट डालने के लिए भरे गए 001बी फॉर्म के लिए कई मतदाताओं ने फोटो, जरूरी कागजात नहीं दिए थे। इसलिए उनके वोट नहीं बन पाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.