विधानसभा में चली कुर्सियां व माइक
नवीन नवाज, जम्मू
संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के शव के मुद्दे पर मंगलवार को विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। किसी ने अफजल गुरु को 'शहीद' कहा तो कोई बोला, 'आज ही तय करो कि हमें हिंदोस्तान के साथ रहना है या नहीं'। विधानसभा को भंग करने की मांग के साथ सदन में वंदेमातरम् और भारत माता की जय का जयघोष भी हुआ। माइक, कुर्सियां व मेज उछले और माननीय सदस्य मेजों पर जा चढ़े। नतीजा, सदन चार बार स्थगित हुआ।
यह हंगामा भोजनावकाश तक ही सीमित नहीं रहा, दोपहर बाद जब दोबारा सदन लगा तो फिर माईक उछले। मार्शलों ने निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद को स्पीकर के निर्देश पर जबरन सदन से बाहर निकाला। पीडीपी ने अफजल गुरु के शव को कश्मीर लाने के लिए सदन में प्रस्ताव पारित करने की मांग की। पीडीपी विधायकों ने अफजल गुरु की जस्सद-ए-खाकी को वापस करो और जस्सद-ए-खाकी पर प्रस्ताव लाने जैसे नारे लगाए। वहीं जम्मू स्टेट मोर्चा (जस्मो), भाजपा और पैंथर्स पार्टी ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर अलगाववादियों की राह पकड़ने का आरोप लगाते हुए विधानसभा को ही भंग करने की मांग की। साथ ही हिंदोस्तान के खिलाफ साजिश बंद करो, जम्मू को अलग राज्य बनाओ, सदन की मर्यादा को बहाल करो के नारे भी लगाए।
इससे पूर्व सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई पीडीपी के विधायकों के अलावा माकपा विधायक मुहम्मद यूसुफ तारीगामी और निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद भी अपनी सीटों पर खडे़ हो गए। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार श्िादे द्वारा गुरु के शव को न लौटाने के बयान की निंदा की। उन्होंने राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर गुरु के शव को वापस लाने की मांग की। स्पीकर ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि अफजल गुरु साहब पर बहस हो चुकी है, यह संवेदनशील मुद्दा है। आप अपनी सीटों पर जाइए, लेकिन तब तक भाजपा, जस्मो और पैंथर्स के विधायकों ने भी इस मुद्दे का विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान पीडीपी के विधायक निजामदीन भट्ट ने कहा कि क्या कश्मीरियों को जीने का हक नहीं है। एक माह से कर्फ्यू में रह रहे हैं, आज ही फैसला करो कि हमें हिंदोस्तान के साथ रहना है या नहीं। इस पर भाजपा विधायक अशोक खजूरिया ने कहा कि कोई माई का लाल कश्मीर को हिंदोस्तान से अलग नहीं कर सकता। इसके साथ ही भाजपा, जस्मो और पैंथर्स के विधायकों ने नारे लगाए 'लाशों पर सियासत बंद करो', 'सियासी ड्रामा बंद करो।' जस्मो विधायक अश्विनी शर्मा ने कहा कि यहां आतंकियों की वकालत होती है, आम लोगों की बात नहीं की जाती। किसी को शांत न होते देख स्पीकर ने सदन को 10.19 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। जब दोबारा सदन लगा तो पीडीपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मौलाना इफ्तिखार हुसैन अंसारी ने अफजल गुरु को शहीद कहते हुए कहा कि हम सिर्फ एक प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे हैं। इस पर नेकां विधायक जावेद डार ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले ही इस मुद्दे पर अपना पक्ष रख चुके हैं। पीडीएफ नेताओं ने कहा कि विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव लाने में कोई बुराई नहीं है। पैंथर्स के विधायकों ने इसका विरोध किया। भाजपा, जस्मो और पैंथर्स विधायक भी अपनी सीटों से उठकर आगे आ पहुंचे। इस पर स्पीकर ने दोबारा 11.01 बजे सदन को स्थगित कर दिया।
सदन जब दोबारा शुरू हुआ तो पैंथर्स विधायक हर्ष देव सिंह ने कहा कि यह मामला राज्य विधानसभा के कार्याधिकार क्षेत्र का नहीं है। इस पर चर्चा नहीं हो सकती। इसी दौरान विधि एवं संसदीय मामलों के मंत्री मीर सैफुल्ला के मुंह से अफजल साहब का संबोधन निकला। भाजपा विधायक जुगल किशोर और जगदीश सपोलिया ने इसका जोरदार विरोध करते हुए कहा कि कौन सा साहब। इसके साथ ही पीडीपी, भाजपा, जस्मो व पैंथर्स पार्टी के विधायक सदन के बीच पहुंच गए। इंजीनियर रशीद भी वहां आ पहुंचे और नारेबाजी शुरू हो गई। पीडीपी के जावेद मुस्तफा मीर, पीर मंसूर, चौधरी जुल्फिकार और भाजपा व पैंथर्स के लाल चंद, जुगल, दुर्गादास, बलवंत सिंह मनकोटिया सदन की कार्रवाई रिकार्ड कर रहे अधिकारियों की मेज पर चढ़ गए। हर्ष देव सिंह भी अपनी मेज पर खडे़ हो गए। मनकोटिया और इंजीनियर रशीद ने गुस्से में माइक भी उछाले। सदन में सिर्फ नारेबाजी ही गूंजने लगी। इसी शोरोगुल में स्पीकर ने वित्तमंत्री के अधीन विभागों के अनुदान मांग प्रस्ताव को भी पारित कराते हुए 11.38 बजे सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद तक के लिए स्थगित कर दिया। जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामे के बाद स्पीकर ने 3.17 बजे इसे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
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