Move to Jagran APP

वास्तु का भी रखें खयाल

आजकल घर से दूर जाकर नौकरी करने की असुविधा से बचने के लिए ज्यादातर स्त्रियां घर रह कर काम करना पसंद करती है। इस वजह से घर पर ही ऑफिस बनाकर काम करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इससे जहां एक ओर आसानी तो हुई है तो दूसरी ओर कुछ व्यावहारिक दिक्कतें बढ़ रही हैं।

By Edited By: Published: Fri, 21 Jun 2013 12:54 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2013 12:54 PM (IST)
वास्तु का भी रखें खयाल

आजकल घर से दूर जाकर नौकरी करने की असुविधा से बचने के लिए ज्यादातर स्त्रियां घर रह कर काम करना पसंद करती है। इस वजह से घर पर ही ऑफिस बनाकर काम करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इससे जहां एक ओर आसानी तो हुई है तो दूसरी ओर कुछ व्यावहारिक दिक्कतें बढ़ रही हैं। इसलिए अगर आप घर पर ऑफिस बना कर अपने कामकाज का संचालन करना चाहती है तो आपको वास्तुशास्त्र के इन मूलभूत नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए :

prime article banner

1. ऑफिस हमेशा मकान या फ्लैट के दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित नैऋत्य कोण में होना चाहिए।

2. दूसरे विकल्प के रूप में संपूर्ण दक्षिण दिशा में बने किसी भी कमरे को ऑफिस बनाया जा सकता है।

3. इसके अलावा पश्चिम दिशा में बने कमरे को भी अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

4. यदि ऑफिस समाज सेवा के उद्देश्य से बनाया जा रहा हो तो संपूर्ण पूर्व एवं संपूर्ण उलर दिशा के किसी भी भाग में बने कमरे को ऑफिस के रूप में व्यवस्थित किया जा सकता है।

5. अगर आप घर पर रह कर ऑफिस चलाती है तो जरूरी कागजात, फाइलें, कंप्यूटर बेडरूम में कभी न रखें, इसके नकारात्मक प्रभाव से नींद में खलल पड़ता है।

6. अगर आप डॉक्टर या वकील है तो इस बात का ध्यान रखें कि मरीजों की रिपोर्ट, संबंधित फाइलें, विभिन्न तरह के मुकंदमों के दस्तावेज कभी अपने बेडरूम में न रखें।

7. यदि आपको पूरे घर में कोई उपयुक्त जगह न मिले, तो अपने ड्राइंग रूम के दक्षिण-पश्चिम कोने में मेज-कुर्सी रखकर भी काम कर सकती है।

8. यह भी ध्यान रखें कि ऑफिस में बैठते समय आपका मुंह सदा उलर दिशा की ओर रहे, जिसमें कि मुख्य टेबल सामने और साइड टेबल या रैक आपके बाई ओर हो।

9. दूसरे विकल्प के रूप में आप अपनी मुख्य टेबल को इस प्रकार भी रख सकती है कि उस पर बैठे हुए आपका मुंह सदा पूर्व दिशा की ओर रहे। परंतु ऐसी स्थिति में आप अपनी टेबल के साथ लगी साइड टेबल, रैक या अलमारी को अपनी दाई ओर ही रखें।

10. किसी भी स्थिति में आपका कंप्यूटर या लैपटॉप साइड टेबल पर न होकर मुख्य टेबल पर ही रखा होना चाहिए, ताकि कंप्यूटर पर काम करते समय भी आपका मुंह पूर्व या उलर दिशा में ही रहे।

11. ऑफिस की भीतरी दीवारों या परदों के लिए हमेशा हलके, सुखद और सौम्य रंगों का ही प्रयोग करे। यहां ज्यादा भड़कीले रंगों से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है।

12. ऑफिस की छत में यदि कोई बीम या लोहे एवं लकड़ी की कोई छड़ हो तो उसके ऊपर फॉल्स सीलिंग जरूर करवा लें। ऑफिस में बैठने की व्यवस्था इस प्रकार रखें कि आपकी कुर्सी ठीक इसके नीचे न हो।

13. दफ्तर के भीतर कलात्मक और रंग-बिरंगे पर्दो का प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही प्रयास करे कि सोफे, फर्नीचर, सजावटी वस्तुओं में काले रंग का प्रयोग बहुत ज्यादा न किया गया हो।

14. ऑफिस में बैठते समय पीठ के पीछे कोई खिड़की या दरवाजा नहीं होना चाहिए।

15. आंतरिक सज्जा में लॉफिंग बुद्धा की मध्यम आकार की मूर्ति को कुछ इस प्रकार रखें कि ऑफिस में प्रवेश करते समय आगंतुक की दृष्टि सीधे उस मूर्ति पर जाए, जिसका उस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

16. टेबल पर धातु के बने पेपर वेट का प्रयोग न करके केवल शीशे और लकड़ी के पेपर वेट प्रयोग करे, क्योंकि धातु हमारे शरीर की ऊर्जा को सोख कर क्षीण कर देते है।

17. ऑफिस की पूर्वोलर दिशा में पूर्व की ओर लक्ष्मी-गणेश जी की छोटी-सी प्रतिमा या फोटो फ्रेम लगाएं। 18. ऑफिस का दरवाजा सदा भीतर की ओर खुलने वाला होना चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का वास ऑफिस हमेशा में बना रहे।

जागरण सखी

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.